
नई दिल्ली, 21 अगस्त 2025
देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से उनकी खामोशी को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को संसद में इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जो धनखड़ राज्यसभा में खुलकर अपनी बात रखते थे, वे आज पूरी तरह चुप क्यों हैं? क्या वे अब एक शब्द भी नहीं बोल सकते?
दरअसल, इस्तीफे के बाद से न तो धनखड़ सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए हैं और न ही उनका कोई बयान सामने आया है। इस पर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए हैं। यहां तक कि शिवसेना नेता संजय राउत ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हेबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की मांग की थी। इसके बावजूद अब तक उनकी चुप्पी बरकरार है।
बुधवार को संसद में INDIA गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन धनखड़ ने इस्तीफा दिया, वेणुगोपाल जी ने मुझे फोन कर कहा था कि इसके पीछे एक बड़ी कहानी है। कुछ लोग जानते होंगे और कुछ नहीं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर पूर्व उपराष्ट्रपति क्यों गायब हैं और क्यों बोल नहीं रहे?
राहुल ने कहा कि देश में हालात ऐसे हो गए हैं कि चुने हुए प्रतिनिधियों की आवाज़ दबा दी जाती है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हम मध्यकालीन दौर में जी रहे हैं, जहां राजा किसी को भी अपनी मर्जी से हटा देता था। अब भी वही स्थिति है, अगर सरकार किसी नेता का चेहरा पसंद नहीं करती तो ईडी और एजेंसियों के जरिए केस दर्ज करवा दिया जाता है और 30 दिनों में चुना हुआ नेता खत्म हो जाता है।
कांग्रेस नेता ने चेतावनी दी कि लोकतंत्र में चुने हुए नेताओं को चुप कराने का सिलसिला बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में यह सवाल बड़ा है कि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर रहने वाला व्यक्ति इस्तीफे के बाद पूरी तरह चुप क्यों है और किस दबाव में है।