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1,247 किमी, 3 राज्य, 19 नए स्टेशनों में होगा रेलवे नेटवर्क का विस्तार, सरकार ने 18,658 करोड़ रुपये के 4 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी

नई दिल्ली, 5 अप्रैल 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय रेलवे के ट्रैक नेटवर्क के विस्तार के लिए 18,658 करोड़ रुपये के निवेश से चार परियोजनाओं को मंजूरी दी है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

तीन राज्यों – महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ – के 15 जिलों को कवर करने वाली चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 1,247 किमी की वृद्धि होगी।

इन परियोजनाओं में संबलपुर-जरापड़ा तीसरी और चौथी लाइन, झारसुगुड़ा-सासोन तीसरी और चौथी लाइन, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा पांचवीं और छठी लाइन और गोंदिया-बल्हारशाह दोहरीकरण शामिल हैं।

बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएंगे और भीड़भाड़ को कम करेंगे, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढाँचागत विकास होगा। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ये परियोजनाएँ पीएम मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र के लोगों को क्षेत्र में व्यापक विकास के साथ “आत्मनिर्भर” बनाएगी, जिससे उनके रोजगार/अवसरों में वृद्धि होगी।

ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा हैं, जिसमें एकीकृत योजना की आवश्यकता है और यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

इन परियोजनाओं के साथ, 19 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों (गढ़चिरौली और राजनांदगांव) की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3,350 गांवों और लगभग 47.25 लाख आबादी की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा लाइन बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और इससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं पैदा होंगी।

ये लाइनें कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। बयान में कहा गया है कि क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 88.77 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

रेलवे परिवहन का पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल साधन है, इसलिए नई परियोजनाएं जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने में मदद करेंगी। बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं से तेल आयात में 95 करोड़ लीटर की कमी आने और CO2 उत्सर्जन में 477 करोड़ किलोग्राम की कमी आने की उम्मीद है, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

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