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AIRF अधिवेशन में गरजे रेलकर्मी, कहा…सरकार टकराए नहीं संवाद करे

चारबाग स्थित उत्तर रेलवे स्टेडियम में आयोजन का दूसरा दिन, वक्ता बोले-केंद्र सरकार को रेलवे के निजीकरण की सोच को पूरी तरह भूल जाना चाहिए। रेलवे देश की जीवनरेखा है। इसे मुनाफे की दृष्टि से नहीं देखा जा सकता

लखनऊ, 23 दिसंबर 2025:

ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन का 101वां दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन लखनऊ के चारबाग स्थित उत्तर रेलवे स्टेडियम में चल रहा है। अधिवेशन के दूसरे दिन मंगलवार को देशभर से आए हजारों रेलकर्मियों और यूनियन प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को आंदोलन का स्वरूप दे दिया। अधिवेशन स्थल पर कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। रेलवे में लंबे समय से खाली पड़े पदों, बढ़ते कार्यभार और कर्मचारियों पर पड़ रहे दबाव पर तीखा विरोध जताया गया।

फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने कहा कि रेलकर्मी सरकार से टकराव नहीं, बल्कि सकारात्मक संवाद चाहते हैं, लेकिन कर्मचारियों के हितों से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं होगा। रेलवे में बड़े पैमाने पर रिक्त पदों को जल्द भरा जाना चाहिए, ताकि कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ कम हो सके। उन्होंने कहा कि रेलवे में आउटसोर्सिंग न तो कर्मचारियों के हित में है और न ही रेलवे की सुरक्षा के लिए उचित है। केंद्र सरकार को रेलवे के निजीकरण की सोच को पूरी तरह भूल जाना चाहिए। रेलवे देश की जीवनरेखा है। इसे मुनाफे की दृष्टि से नहीं देखा जा सकता।

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सरकार एक जनवरी से आठवें वेतन आयोग को लागू करने की बात कर रही है, लेकिन अभी तक कर्मचारियों की मंशा के अनुरूप प्रावधान नहीं किए गए हैं। हम चाहते हैं कि वेतन आयोग में रेल कर्मचारियों की वास्तविक जरूरतों और महंगाई को ध्यान में रखा जाए। इसके अलावा लोको पायलट, रनिंग स्टाफ और अन्य संवर्गों से मानक से अधिक समय तक काम कराए जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया।

अधिवेशन में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों का लाभ समय से रेलकर्मियों और पेंशनरों को देने की मांग भी जोर-शोर से रखी गई। अधिवेशन के जरिए रेलकर्मियों ने साफ कर दिया कि अब उनके हक की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिवेशन में आलमबाग शाखा के सहायक शाखा मंत्री कॉमरेड आदित्य सिंह, सहायक शाखा मंत्री राहुल तिवारी एवं मण्डल मेडिकल डेलिगेट निखिल बाजपेई ने भी विचार रखे।

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