
लखनऊ, 30 जून 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की वार्षिक बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान सर्वसम्मति से विधायक एवं पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। देशभर से आए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने संबोधन में राजा भैया ने अगले एक माह के भीतर राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की घोषणा की। साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जनसत्ता दल प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव अपने बलबूते लड़ेगा और फिलहाल किसी अन्य दल से गठबंधन की कोई योजना नहीं है।
राजा भैया ने अपने राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने 1993 से अब तक लगातार प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दलीय विधायक के रूप में जनता की सेवा की है। 25 वर्षों तक निर्दलीय राजनीति के बाद 2018 में जनसत्ता दल का गठन किया, जिसका नाम ही ‘जनता की सत्ता’ को दर्शाता है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से जनता से जुड़े मुद्दों पर मुखर होने, सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और आवश्यकता पड़ने पर धरना-प्रदर्शन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जनसत्ता दल में जातिवाद के लिए कोई स्थान नहीं है और पार्टी राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानकर कार्य करेगी।
राजा भैया ने आतंकवाद और घुसपैठ जैसे मुद्दों पर सशक्त आवाज उठाने की बात कही। उन्होंने प्रख्यात कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन करते हुए कहा कि वे राष्ट्रवाद की भावना फैला रहे हैं और उन पर की जा रही टिप्पणियां अनुचित हैं। साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव द्वारा धीरेंद्र शास्त्री पर की गई टिप्पणी को असंगत बताया। राजा भैया ने अपने संबोधन का समापन इस बात पर किया कि जातिवाद नहीं, राष्ट्रवाद ही देश के उत्थान का मूल मंत्र होगा।







