हरेंद्र दुबे
देवरिया, 3 अगस्त 2025 :
यूपी के देवरिया जिले के थाना भलुअनी में चार माह पूर्व लापता हुए नौ साल के मासूम बच्चे की नरबलि उसके ही करीबी रिश्तेदारों ने दी थी। इसके बाद लाश को सरयू में फेंक दिया गया। पुलिस ने इस वारदात का खुलासा कर मासूम के दो फूफा व मौसेरे भाई समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें एक आरोपी रिश्तेदार इंद्रजीत पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर तैनात बताया गया है।
थाना भलुअनी क्षेत्र के ग्राम पठखौली में रहने वाले सोमनाथ गौड़ ने गत 17 अप्रैल को अपने 9 साल के भतीजे आरुष के लापता होने की सूचना दी थी। हालांकि आरुष 16 अप्रैल को ही लापता हो गया था। मां सरिता ने बच्चे के गायब होने की सूचना विदेश में रह रहे पति योगेश को दी। पिता योगेश भी 21 अप्रैल को नाइजीरिया से भारत वापस आ गया। इधर पुलिस ने इसे अपहरण का मामला समझकर गंभीरता से जांच शुरू की।
जांच पड़ताल में लापता आरुष के रिश्तेदार ही शक के दायरे में आते गए। आखिरकार जयप्रकाश गौड़ व गोंडा जनपद में तैनात सिपाही इन्द्रजीत गौड़ (मासूम का फूफा), भीम गौड़ (इंद्रजीत का मौसेरा भाई) और रमाशंकर उर्फ शंकर गौड़ (मृतक मासूम का फूफा) जयप्रकाश गौड़ को पुलिस ने धर दबोचा। इनसे पूछताछ में घटना का खुलासा हो सका।
पुलिस के अनुसार आरुष को अगवा कर 19 अप्रैल को भीम गौड़ और मामा के लड़के जयप्रकाश ने ग्राम पिपरा चंद्रभान में नर बलि के लिए तंत्र मंत्र की पूजा की फिर नरबलि देते हुए मासूम का गला रेत दिया। इसके बाद बाद शव को दूसरे दिन ही जमीन से निकाल कर एक पिकअप वाहन में लाद कर बरहज के सरयू नदी में ले जा कर पानी में बहा दिया।
पुलिस की पूछताछ में चारों आरोपियों ने जुर्म के रूप में घटनाक्रम को स्वीकार कर लिया है। बताया गया कि सिपाही इंद्रजीत की मानसिक स्थित ठीक नहीं रहती थी। इस बारे में उसने जब अपने मामा जय प्रकाश से सपंर्क किया तो उसने तंत्र मंत्र का चक्कर बताकर नरबलि की सलाह दी। इसी के बाद आरुष उनके निशाने पर आ गया और सबने बेरहम होकर इस वारदात को अंजाम दे दिया।