लखनऊ, 22 अप्रैल 2025:
यूपी की राजधानी समेत कई जिलों में सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन ने केंद्र सरकार पर पेंशनर्स के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए धरना दिया। संगठन की ओर से पांच सूत्रीय मांग पत्र प्रशासन के प्रतिनिधियों को सौंपा गया।
सरकार विरोधी नारों से गूंजता रहा सरोजनी नायडू पार्क
लखनऊ: हजरतगंज स्थित सरोजनी नायडू पार्क स्थित बीएन सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव व अन्य प्रांतीय पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा पेंशनर्स समाज के हितों की अनदेखी करने एवं लगातार सुविधाओं में कटौती किये जाने से पेंशनर्स समाज में हताशा और आक्रोश है। अभी जिला स्तर पर धरने से विरोध जताया गया है। इसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। वक्ताओं ने एनपीएस, यूपीएस की व्यवस्था के स्थान पर सभी कर्मचारियों, शिक्षकों को ओपीएस की सुविधा देने के साथ पेंशन के राशिकरण की कटौती 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष करने आदि की मांग रखी।
धरने को शिक्षक महासंघ ने भी दिया समर्थन
बाराबंकी: गन्ना विकास कार्यालय परिसर में मंगलवार को दिए गए धरने की अगुवाई जिलाध्यक्ष बाबू लाल वर्मा ने की। धरने को शिक्षक महासंघ ने भी समर्थन दिया और धरने में शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष पवन कुमार वर्मा, मंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ एसपी सिंह भी शामिल हुए। फाइनेंशियल बिल 2025 के माध्यम से पेंशनरी नियमों में किए गये बदलाव को तत्काल निरस्त किया जाए, आठवें वेतन आयोग में पेंशन पुनरीक्षण का विषय भी सन्दर्भित किया जाय एवं वेतन पुनरीक्षण के प्रचलित नियमों के अनुरूप ही पेंशन पुनरीक्षण की तिथि एवं सिद्धान्त में समानता रखी जाय। मंहगाई राहत का शासनादेश कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के शासनादेश की तिथि को ही जारी करने आदि की मांग रखी।
नए प्रावधानों में बढ़ाई पेंशनरों की चिंता
सुल्तानपुर: स्थानीय तिकोनिया पार्क में सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर एसोसिएशन और शिक्षक महासंघ ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष समेत अन्य नेताओं ने कहा कि फाइनेंशियल बिल 2025 के नए प्रावधानों ने पेंशनरों की चिंता बढ़ा दी है। नए नियमों के अनुसार, 31 दिसंबर 2025 तक सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की पेंशन का पुनरीक्षण नहीं होगा। इससे वेतन और पेंशन पुनरीक्षण अलग-अलग हो जाएंगे। महंगाई भत्ते को लेकर भी पेंशनर नाराज हैं।