
नोएडा, 5 अगस्त 2025
अगर आपको कार में एसी चलाकर सोने की आदत है, तो सावधान हो जाइए। यह आदत न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकती है। हाल ही में नोएडा सेक्टर 62 में हुई एक दुखद घटना ने इस खतरे की सच्चाई को उजागर किया है। एक कैब ड्राइवर और उसका दोस्त रात में कार का एसी ऑन करके सो गए और सुबह उनकी लाशें कार के अंदर पाई गईं।
इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठा कि आखिर कार में एसी चलाकर सोने से जान कैसे चली जाती है? शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि कार बंद थी और दोनों व्यक्ति एसी ऑन कर गहरी नींद में थे। दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
कैसे होता है एसी से खतरा?
कार्बन मोनोऑक्साइड का रिसाव – अगर गाड़ी के एग्जॉस्ट सिस्टम में लीकेज हो तो इंजन से निकलने वाली ज़हरीली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) केबिन के अंदर आ सकती है। यह गैस रंगहीन, गंधहीन होती है और व्यक्ति को बिना अहसास के बेहोश कर देती है। धीरे-धीरे ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है और मौत हो जाती है।
ऑक्सीजन की कमी – बंद कार में जब एसी चलता है, तो बाहर की ताज़ा हवा नहीं आती। अंदर मौजूद ऑक्सीजन कम होने लगती है और कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जाती है। यह स्थिति शरीर में घुटन पैदा करती है और व्यक्ति को नींद में ही मौत के मुंह में धकेल देती है।
कैसे बचें?
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कार में सोते समय एसी या ब्लोअर चालू न रखें।
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अगर मजबूरी में कार में सोना पड़े, तो खिड़कियों को थोड़ा खोल लें ताकि फ्रेश हवा अंदर आ सके।
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समय-समय पर गाड़ी की सर्विसिंग कराएं ताकि एग्जॉस्ट सिस्टम में कोई लीकेज न हो।
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कभी भी पूरी तरह से बंद केबिन में लंबे समय तक न रहें, खासकर जब इंजन चालू हो।
एक छोटी सी लापरवाही, जान पर भारी पड़ सकती है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।