
मॉस्को, 17 जून 2025:
जहां एक ओर इजराइल और ईरान परमाणु ताकत को लेकर आमने-सामने हैं, वहीं असली ‘बाहुबली’ रूस है, जिसके पास दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं। स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूस के पास कुल 5,459 परमाणु बम हैं, जिससे वह दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया है। अमेरिका 5,177 हथियारों के साथ दूसरे और चीन 600 बमों के साथ तीसरे स्थान पर है।
ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा को लेकर जहां अमेरिका और इजराइल एकजुट हैं, वहीं रूस दशकों पहले ही इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित कर चुका है। रूस को ये परमाणु शक्ति सोवियत संघ से विरासत में मिली है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद हिरोशिमा-नागासाकी पर हुए हमले से जोसेफ स्टालिन को यह एहसास हुआ कि परमाणु शक्ति के बिना देश कमजोर है। उन्होंने 1940 के दशक में ही हथियार निर्माण शुरू कर दिया था।
1949 में रूस ने अपना पहला सफल परमाणु परीक्षण किया। इसके बाद 1961 में ‘ज़ार बॉम्बा’ का विस्फोट हुआ, जो अब तक का सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण माना जाता है। 1991 में सोवियत संघ टूटने के बाद रूस को हथियारों की जिम्मेदारी मिली और प्रतिस्पर्धा अमेरिका से बनी रही।
हालांकि, ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका-रूस संबंधों में नरमी आई। उन्होंने परमाणु निरस्त्रीकरण की पहल की बात की। इसके बावजूद रूस आज भी इस क्षेत्र में शीर्ष पर है।
बाकी देशों की बात करें तो फ्रांस के पास 290, ब्रिटेन के पास 225, भारत के पास 180, पाकिस्तान के पास 170, इजराइल के पास 90 और उत्तर कोरिया के पास 50 परमाणु हथियार हैं। लेकिन रूस का प्रभुत्व निर्विवाद है।
वर्तमान में इजराइल-ईरान विवाद के बीच रूस की यह ताकत वैश्विक रणनीतिक संतुलन में अहम भूमिका निभा रही है।