
लखनऊ, 3 अक्टूबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित सहारा शहर में वेतन और अन्य बकाया भुगतान को लेकर कर्मचारियों का आंदोलन तेज हो गया है। लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को सैकड़ों कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन करते हुए पूरे सहारा शहर को बंद कर दिया। कर्मचारियों ने सभी गेटों पर ताले जड़ दिए, जिससे परिसर के अंदर-बाहर आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। इतना ही नहीं, बिजली और पानी की सप्लाई भी रोक दी गई है।
एक प्रदर्शनकारी कर्मचारी ने बताया कि करीब 400 से अधिक कर्मचारी 35-40 महीने से वेतन न मिलने के कारण आंदोलन पर उतर आए हैं। शुरुआत में कंपनी द्वारा कुछ ‘टोकन मनी’ दी जाती थी, लेकिन अब वह भी बंद हो चुकी है, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति गंभीर संकट में पहुंच गई है।
30 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त एक कर्मचारी ने the ho halla को बताया कि उन्हें न तो प्रोविडेंट फंड (PF) का पैसा मिला और न ही ग्रेच्युटी। बाद में पता चला कि कंपनी ने महीनों से पीएफ की रकम जमा ही नहीं की थी। इन कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की अपील की है ताकि उन्हें उनकी मेहनत की कमाई वापस मिल सके।
गौरतलब है कि सहारा समूह पिछले कुछ वर्षों से गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है। समूह की शान माने जाने वाले गोमतीनगर स्थित सहारा शहर की भूमि को नगर निगम पहले ही अपने कब्जे में ले चुका है। इसके बाद से ही कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ी और आंदोलन शुरू हुआ। गुरुवार को गुस्साए कर्मचारियों ने मुख्य गेटों को अंदर से वेल्डिंग कर बंद कर दिया और चेतावनी दी कि जब तक वेतन, पीएफ और ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं होता, तब तक कोई गेट नहीं खोला जाएगा।
बताते हैं कि प्रदर्शन के दौरान सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय के परिजन भी परिसर के भीतर मौजूद थे, लेकिन आंदोलन शुरू होते ही वे किसी तरह बाहर निकल गए। कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी आजीविका से जुड़े मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो नगर निगम की कार्रवाई से हजारों परिवार सड़क पर आ जाएंगे।