गोरखपुर, 13 फरवरी 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि सनातन धर्म वैश्विक मानवता का आधार है और इसके सुरक्षित रहने से न केवल भारत बल्कि पूरा विश्व सुरक्षित रहेगा। योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में श्रृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य विदुशेखर भारती सन्निधानम के अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
आदित्यनाथ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सनातन धर्म न तो अपनी मान्यताओं को दूसरों पर थोपता है और न ही व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करता है। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म के समान स्वतंत्रता, खुलापन और सहजता का स्तर कोई अन्य परंपरा प्रदान नहीं करती है।”
जगद्गुरु शंकराचार्य का औपचारिक अंगवस्त्र और उपहारों के साथ स्वागत करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास में अनेक आक्रमणों के बावजूद अवतारों, ऋषियों, मुनियों और महान आत्माओं की दिव्य परंपरा ने सनातन धर्म की रक्षा की है और इसके अनुयायियों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि एक समय ऐसा था जब सनातन धर्म पतन के कगार पर था, लेकिन आदि शंकराचार्य ने अपनी विजय यात्रा, शास्त्रार्थ और भारत की चार दिशाओं में चार मठों – उत्तर में ज्योतिष, पूर्व में जगन्नाथ, पश्चिम में द्वारका और दक्षिण में श्रृंगेरी – की स्थापना के माध्यम से इसे पुनर्जीवित किया।
अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए आदित्यनाथ ने बताया कि उन्हें कई बार श्रृंगेरी पीठ आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि गोरक्षपीठ ने ऐतिहासिक रूप से श्रृंगेरी पीठ के जगद्गुरुओं की मेजबानी की है, जिसमें 1977 का प्रयागराज महाकुंभ भी शामिल है।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के बारे में बोलते हुए आदित्यनाथ ने इसे एकता का वैश्विक संदेश बताया। उन्होंने कहा कि 45 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के पहले 31 दिनों में करीब 48 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम में पवित्र डुबकी लगाई। उन्होंने कहा, “यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का साकार रूप है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस दृष्टिकोण को दोहराया कि एकता के माध्यम से राष्ट्रीय अखंडता अखंड रहेगी।
मुख्यमंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम के हाल के परिवर्तन और 500 साल के इंतजार के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर भी प्रकाश डाला और इन पवित्र स्थलों की भव्यता के लिए मोदी के नेतृत्व को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि काशी और अयोध्या का नया स्वरूप विश्व भर में सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत गर्व और खुशी का विषय है।