
गोरखपुर, 23 फरवरी 2025:
कोलकाता के चिकित्सा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जन डॉ. भबातोष विश्वास ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुशल योजनाओं और प्रबंधन के कारण प्रयागराज महाकुंभ 2025 को युगों-युगों तक याद किया जाएगा। उन्होंने इसे विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन बताते हुए इसे सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का उत्कृष्ट प्रतीक कहा।
डॉ. विश्वास रविवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, गोरखपुर में ‘महाकुंभ 2025 : परंपरा, अनुष्ठान और महत्ता’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होना और गंगा, यमुना और सरस्वती की पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाना उनके लिए सौभाग्य की बात रही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रबंधन से नई पीढ़ी भी महाकुंभ की दिव्यता से परिचित हो रही है।
तीन लाख करोड़ रुपये का आर्थिक बूस्टर डोज
डॉ. विश्वास ने बताया कि इस महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को करीब तीन लाख करोड़ रुपये का बूस्टर डोज दिया है। महाशिवरात्रि स्नान पर्व से पहले ही श्रद्धालुओं की संख्या 60 करोड़ से अधिक हो चुकी है।

आर्थिक समृद्धि और रोजगार का स्रोत
विशिष्ट अतिथि प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि महाकुंभ आस्था के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि का भी केंद्र बना है। 45 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन से राज्य सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिलने का अनुमान है। साथ ही, डिजिटल लेनदेन से गैर-संगठित क्षेत्र की ऋण क्षमता भी बढ़ी है।
अनेकता में एकता का प्रतीक
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सदस्य सचिव डॉ. ओमजी उपाध्याय ने कहा कि महाकुंभ ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को साकार कर रहा है। उन्होंने बताया कि यूनेस्को द्वारा इसे मानव जाति की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता मिलने से इसका वैश्विक महत्व और बढ़ गया है। महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता से उत्तर प्रदेश का डंका पूरी दुनिया में बजा है। उन्होंने सीएम योगी के समर्पित प्रयासों को इस सफलता का श्रेय दिया।






