
अमित मिश्र
प्रयागराज, 6 अप्रैल 2025:
महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को पुण्य लाभ दे चुके संगम के जल की डिमांड अब विदेशों से भी आने लगी है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बोतलों में जल की पैकिंग कर रही है। अभी जर्मनी से एक हजार बोतलों का आर्डर भी मिला है। पैकिंग से हो रही कमाई समूह की महिलाओं का जीवन स्तर सुधरा है वहीं उनका भविष्य भी संवर रहा है। इस बदलाव से वो बेहद खुश हैं।

जर्मनी से महामंडलेश्वर के पास आई डिमांड, जसरा के स्वयं सहायता समूह ने तैयार की खेप
श्रद्धालुओं की भीड़ का इतिहास रचकर 26 फरवरी को समाप्त हुआ महाकुंभ का आयोजन अपना व्यापक असर छोड़ गया है। संगम स्नान से वंचित रह गए लोग पवित्र जल की मांग कर रहे हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों और खासकर विदेशों से इसकी डिमांड आ रही है। अभी जर्मनी में रह रहे श्रद्धालुओं ने एक हजार बोतल संगम जल भेजवाने का आग्रह जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से किया। इसी डिमांड को पूरा करने की जिम्मेदारी जसरा क्षेत्र के नारी शक्ति महिला प्रेरणा संकुल को सौंपी गई। समूह ने 250 एमएल क्षमता वाली बोतलों में संगम के पवित्र जल को भरा और गत्तों में इनकी पैकिंग कर सप्लाई के लिए एनएलआरएम के जरिये जर्मनी भेज दिया गया।
समूह की नेहा निषाद बोलीं…गंगाजल ने हमारी जिंदगी बदल दी
समूह से जुड़ीं जसरा निवासी महिला नेहा निषाद बताती हैं कि गंगाजल ने हमारी जिंदगी बदल दी। पहले पति पर निर्भर थे अब कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हूं। गंगाजल को पैकिंग कर भेजने के काम से पैसा कमाने का रास्ता मिल गया है। बच्चे को गांव से बाहर अच्छे प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराया है। अब लोग मुझे मेरे नाम से जानते है। नेहा ने इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनएलआरएम) और संगठन की अध्यक्ष नमिता सिंह का आभार जताया।






