
नई दिल्ली, 21 अगस्त 2025
लोकसभा में बुधवार को संविधान का 130वां संशोधन पेश किए जाने के दौरान कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच जबरदस्त बहस देखने को मिली। मामला तब तूल पकड़ गया जब वेणुगोपाल ने शाह पर निजी टिप्पणी करते हुए 2010 के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर का जिक्र किया और सवाल उठाया कि क्या उस समय उन्होंने नैतिकता का पालन किया था।
वेणुगोपाल ने कहा कि जब यह मामला सामने आया, तब शाह गुजरात के गृह मंत्री थे और क्या उस दौरान उनकी गिरफ्तारी हुई थी? कांग्रेस नेता के इस बयान से सदन में जोरदार हंगामा मच गया। इसी दौरान शाह भड़क उठे और वेणुगोपाल से पलटवार करते हुए कहा, “क्या आप मुझे नैतिकता का पाठ पढ़ाएंगे?”
अमित शाह ने आगे कहा कि उस केस में उन पर मुकदमा चला और वे जेल भी गए, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। शाह ने जोर देकर कहा कि जब तक केस चला, उन्होंने सरकार में कोई पद नहीं संभाला।
130वें संशोधन को लेकर भी सदन में गर्मागर्मी रही। इस संशोधन में साफ प्रावधान है कि मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक कानून के दायरे में आएंगे। किसी अपराध में गिरफ्तारी या 30 दिन से अधिक न्यायिक हिरासत की स्थिति में मंत्री पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। साथ ही, यदि गिरफ्तार व्यक्ति एक महीने के भीतर जमानत हासिल नहीं कर पाता, तो उसे इस्तीफा देना अनिवार्य होगा।
सरकार का दावा है कि यह संशोधन राजनीति में अपराध रोकने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। वहीं, विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि सत्ता पक्ष सिर्फ राजनीतिक अंक हासिल करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन बहस के दौरान जिस तरह शाह और वेणुगोपाल आमने-सामने आए, उसने पूरे सत्र का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
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