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शिबू सोरेन का निधन: झारखंड की राजनीति के ‘गुरुजी’ नहीं रहे

नई दिल्ली | 4 अगस्त 2025

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आज सुबह 8:48 बजे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।

शिबू सोरेन, जिन्हें लोग श्रद्धा से “गुरुजी” कहते थे, झारखंड राज्य के निर्माण आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल थे। वह तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने, हालांकि एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। पहली बार वह 2005 में मुख्यमंत्री बने, लेकिन केवल 10 दिनों तक पद पर रहे। इसके बाद 2008 और फिर 2009 में कुछ महीनों के लिए मुख्यमंत्री पद संभाला।

वह केवल राज्य की राजनीति में ही नहीं, बल्कि केंद्र में भी प्रभावशाली नेता रहे। शिबू सोरेन आठ बार लोकसभा सांसद रहे और तीन बार केंद्र सरकार में कोयला मंत्री के पद पर आसीन हुए। उन्होंने 1980 में पहली बार दुमका से लोकसभा का चुनाव जीता और कई बार यह सीट उनके नाम रही। हालांकि 1998 और 1999 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

उनके निधन की जानकारी उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी। उन्होंने लिखा, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूँ…”

शिबू सोरेन को किडनी से जुड़ी समस्याएं थीं और वह 24 जून से सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे। वहां नेफ्रोलॉजी विभाग में उनका इलाज चल रहा था।

शिबू सोरेन का राजनीतिक जीवन संघर्ष और जन आंदोलन से भरा रहा। आदिवासी हितों की लड़ाई में उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनके निधन पर देशभर से श्रद्धांजलि और संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।

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