
लखनऊ, 16 अक्टूबर 2025:
सिंधी समाज के धर्मगुरु एवं लखनऊ के आलमबाग स्थित शिव शांति संत आसूदाराम आश्रम के पीठाधीश्वर संत साईं चांडूराम साहिब (78) का बुधवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से अस्वस्थ थे। लखनऊ के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके निधन की खबर से सिंधी समाज में गहरा शोक व्याप्त हो गया। देर शाम से ही आश्रम में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी। गुरुवार सुबह उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत कई वरिष्ठ नेता आश्रम पहुंचे और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने एक्स पर अपनी श्रद्धांजलि में लिखा… “बाबा साईं का परलोक सिधार जाना एक युग का अंत है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी गहरा दुख व्यक्त किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि संत साईं चांडूराम का संपूर्ण जीवन समाज सेवा और करुणा के लिए समर्पित रहा। उनके निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
सिंधु सभा के अध्यक्ष अशोक मोतियानी ने बताया कि संत साईं चांडूराम साहिब की अंतिम यात्रा आलमबाग स्थित संत कंवरराम साहिब चौराहा से शुरू होकर संत आसूदाराम आश्रम होते हुए बैकुंठ धाम पहुंचेगी, जहां आज दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हजारों श्रद्धालु अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे हैं।
संत साईं चांडूराम साहिब : 1947 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था जन्म
संत साईं चांडूराम साहिब का जन्म 9 सितंबर 1947 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सक्खर जिले में हुआ था। उनके पिता संत आसूदाराम साहिब थे। उन्होंने 13 वर्ष की आयु में गुरु गद्दी संभाली और संत रसोई सतरामदास साहिब, अमर शहीद भगत कंवरराम साहिब और बाबा आसूदाराम साहिब के पदचिह्नों पर चलकर जीवन भर सेवा व भक्ति का संदेश दिया।
1976 में पाकिस्तान से आकर लखनऊ में बस गए
साल 1976 में वे पाकिस्तान से भारत आ गए और भक्तों के आग्रह पर लखनऊ में बस गए। 6 जून 1977 को शिव शांति आश्रम का शिलान्यास किया गया, जिसका संचालन वे जीवन पर्यंत करते रहे। आज उनके अनुयायी न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी लाखों की संख्या में हैं।