Lucknow City

कुकरैल से गोमती नगर तक…घेर रहा है स्मॉग का जाल! जानिए कितना रहा लखनऊ का AQI

यूपी में धुंध के साथ अब हवा में खामोश ज़हर फैल रहा है। लखनऊ से लेकर हापुड़ तक AQI 300 से 500 पार पहुँच गया है, जिससे सांस और आंखों के मरीज अचानक बढ़ गए हैं।

लखनऊ, 22 नवंबर 2025 :

सुबह की हल्की ठंड के साथ जब यूपी के कई जिलों में धुंध और कोहरा छाता है, उसी समय हवा में घुल रहा है एक खामोश ज़हर-प्रदूषण। हालत ये है कि लोगों की सांसें भी अब साफ नहीं रहीं। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट बताती है कि शुक्रवार सुबह लखनऊ में AQI 356 तक पहुँच गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। दोपहर होते-होते कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन तब भी AQI 290 खराब श्रेणी में ही रहा। धुंध और बढ़ते प्रदूषण का ये मेल अब स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है।

लखनऊ के अन्य इलाकों में भी हालत बिगड़ी

लखनऊ के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता लगातार नीचे गिर रही है। इंडस्ट्रियल एरिया समेत गोमती नगर, कुकरैल, लालबाग और अलीगंज में प्रदूषण का स्तर लगभग 300 के आसपास बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 299, केन्द्रीय विद्यालय का 178, लालबाग का 231, गोमती नगर का 180, अंबेडकरनगर विवि का 182 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का 127 दर्ज हुआ। यह स्तर साफ तौर पर दिखाता है कि शहर की हवा तेजी से खराब श्रेणी में जा रही है।

सांस और आंखों से जुड़े मरीजों की बढ़ी संख्या

डॉक्टरों के अनुसार सरकारी जिला अस्पताल में सांस संबंधी रोगियों का दबाव अचानक बढ़ गया है। चेस्ट फिजिशियन की ओपीडी में मरीजों की संख्या 40% तक बढ़ चुकी है। यह समस्या सिर्फ लखनऊ तक सीमित नहीं है-प्रदेश के अधिकांश जिलों के सरकारी अस्पतालों में यही स्थिति देखने को मिल रही है। प्रदूषण से एलर्जी वाले मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जबकि पहले से दमा या सांस की दिक्कत झेल रहे लोग और अधिक परेशान हैं। अस्पतालों में खांसी, सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और लालपन की शिकायत वाले मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।

यूपी के दूसरे जिलों में भी हवा है बेहद खराब

लखनऊ से बाहर भी हालात बेहतर नहीं हैं। दिल्ली से लगे हापुड़ में प्रदूषण अपनी चरम सीमा छू रहा है। शुक्रवार को यहां का एक्यूआई 500 के पार पहुंच गया, जबकि गुरुवार देर रात यह 529 दर्ज किया गया था। हवा में ज़हरीले कण इतने अधिक हैं कि फसलों पर मोटी परत जमने लगी है, जिससे किसान मजबूरी में खेत जोतने को तैयार हो रहे हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मेरठ में भी यही स्थिति है,जहां वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच चुकी है और प्रदूषण का असर रोजमर्रा की जिंदगी पर साफ दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button