
नई दिल्ली, 22 मार्च 2025
सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि जनवरी 2025 से अब तक कुल 388 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है। इनमें से 333 को फरवरी में तीन अलग-अलग सैन्य उड़ानों से सीधे अमेरिका से निर्वासित किया गया था। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि अमेरिका ने 55 भारतीय नागरिकों को वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए पनामा के रास्ते वापस भेज दिया है।
विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार को इस वर्ष अमेरिका से निर्वासित किए जाने वाले व्यक्तियों का विवरण प्राप्त हुआ है और क्या अमेरिकी अधिकारियों से उन्हें पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।
मंत्रालय से यह भी पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्वासित लोगों के साथ किए गए “बुरे व्यवहार” पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष चिंता व्यक्त की थी।
अपने जवाब में कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “जनवरी से अब तक निर्वासित 388 भारतीय नागरिकों में से 333 व्यक्तियों को सत्यापन के बाद तीन अलग-अलग चार्टर्ड उड़ानों से सीधे अमेरिका से भारत भेजा गया, जो क्रमशः 5, 15 और 16 फरवरी 2025 को उतरीं। इसके अलावा, अमेरिका ने पनामा के माध्यम से वाणिज्यिक उड़ानों से भारत पहुंचे 55 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया।” उन्होंने कहा, “अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों ने हाल ही में हमारे साथ अतिरिक्त 295 व्यक्तियों से संबंधित जानकारी साझा की है, जिन्हें अमेरिका से निकाले जाने के अंतिम आदेश के साथ उनकी हिरासत में रखा गया है। विदेश मंत्रालय, अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ, वर्तमान में इन व्यक्तियों के विवरण की पुष्टि कर रहा है।”
विदेश मंत्रालय से यह भी पूछा गया कि क्या सरकार के पास उन भारतीयों को वापस लाने के लिए “अपना विमान भेजने” की कोई योजना है, जिन्हें अमेरिका ने अवैध प्रवासी घोषित कर दिया है और जिन्हें आने वाले दिनों में निर्वासित किया जाना है।
राज्य मंत्री ने कहा कि 12-13 फरवरी को प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान अवैध आव्रजन नेटवर्क पर नकेल कसते हुए सुरक्षित, व्यवस्थित और कानूनी प्रवास को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, “अवैध आव्रजन के खिलाफ भारत के सतत रुख तथा निर्वासित लोगों के साथ मानवीय व्यवहार की मांग को दोहराया गया। दोनों पक्षों ने अवैध आव्रजन और मानव तस्करी से निपटने के लिए घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता को स्वीकार किया, तथा बुरे लोगों, आपराधिक सुविधाकर्ताओं और अवैध आव्रजन नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।”
सिंह ने कहा कि अमेरिका केवल उन्हीं भारतीय नागरिकों को वापस भेज रहा है जिन्हें “अमेरिकी आव्रजन कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में पकड़ा गया है।” उन्होंने कहा, “अवैध आवागमन और प्रवास से जुड़ी कई अन्य गतिविधियां भी अवैध प्रकृति की हैं। इसके अलावा, हमारे जो नागरिक अवैध प्रवास में फंस गए हैं, वे स्वयं अन्य अपराधों का शिकार बन गए हैं। जो लोग हाल ही में वापस लौटे हैं, उन्होंने अपने भयावह अनुभवों की गवाही दी है।”
अमेरिका ने 104 भारतीय प्रवासियों के एक जत्थे को अमेरिकी वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से वापस भेजा, जो 5 फरवरी को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा।यह अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा निर्वासित किया गया भारतीयों का पहला जत्था था।इन निर्वासितों के साथ किये गए व्यवहार से भारत में राष्ट्रव्यापी आक्रोश फैल गया था। सिंह ने कहा, “नवम्बर 2012 से प्रभावी निर्वासन को व्यवस्थित करने और निष्पादित करने के लिए अमेरिकी मानक संचालन प्रक्रिया में निर्वासितों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है।”उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने 5 फरवरी को यहां पहुंचे विमान में निर्वासित लोगों के साथ किए गए व्यवहार, विशेषकर महिलाओं पर बेड़ियां लगाने के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंताएं दर्ज कराई हैं।
हाल ही में हुए इन निर्वासनों और समग्र आव्रजन मुद्दे पर सरकार के समक्ष अनेक प्रश्न रखे गए। सरकार ने एक प्रतिक्रिया में कहा कि 2009 से 2024 तक कुल 15,564 भारतीय नागरिकों को अमेरिका द्वारा भारत निर्वासित किया गया है।
एक अन्य प्रश्न में सरकार से यह पूछा गया कि निर्वासन उड़ानों के लिए अमृतसर को लैंडिंग स्थल के रूप में चुनने के कारणों और आधार का विवरण क्या है, जबकि निर्वासित लोग कई राज्यों से संबंधित हैं।
राज्य मंत्री ने कहा, “निर्वासित लोगों को लेकर आने वाले अमेरिकी विमान आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद भारत में उतर चुके हैं। निर्वासित लोगों को लेकर आने वाले किसी भी प्रत्यावर्तन विमान के उतरने का स्थान परिचालन सुविधा, भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश के लिए विशिष्ट मार्ग और विशेष रूप से, आने वाले निर्वासित लोगों के अंतिम गंतव्यों की निकटता के आधार पर तय किया जाता है।”
अपने जवाब में उन्होंने अमेरिका से सीधे निर्वासित 333 भारतीयों का राज्यवार और तिथिवार डेटा भी साझा किया। 5 फरवरी को निर्वासित किये गये 104 भारतीयों में पंजाब के 30, हरियाणा और गुजरात के 33-33 तथा महाराष्ट्र के तीन लोग शामिल थे।
15 फरवरी को निर्वासित 117 लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33 और गुजरात से 8 लोग शामिल थे; तथा 16 फरवरी को निर्वासित 112 लोगों में पंजाब से 31, हरियाणा से 44 और गुजरात से 33 लोग शामिल थे। सरकार ने 20 फरवरी से 2 मार्च के बीच वाणिज्यिक उड़ानों से पनामा होते हुए अमेरिका से नई दिल्ली पहुंचे 55 भारतीयों का राज्यवार और तिथिवार डेटा भी साझा किया। तिथिवार आंकड़े इस प्रकार थे – 20 फरवरी को दो, 23 फरवरी को 12, 27 फरवरी को 11, 28 फरवरी को नौ और 2 मार्च को 21 मामले सामने आए।






