आगरा, 25 सितंबर 2024:
मयंक चावला,
उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है, जब भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री डॉक्टर जी.एस. धर्मेश द्वारा पुलिस कमिश्नरेट के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है।
भाजपा विधायक डॉक्टर धर्मेश ने आगरा पुलिस कमिश्नरेट पर “कमीशन का है रेट” का आरोप लगाते हुए एक पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस पत्र में उन्होंने खुलासा किया कि पुलिस कमिश्नरेट में कमीशन का खेल चल रहा है, जहां हर काम के लिए रेट तय हैं। इस खुलासे ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है।
इस मुद्दे को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर योगी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने भाजपा विधायक के आरोपों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर व्यंग्य करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री अपने शासन के कुशासन को स्वीकार करें। अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा, “अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने शासन-कुशासन को स्वीकार कर लेना चाहिए।” इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब सीएम योगी इन आरोपों के बाद भाजपा विधायक पर एफआईआर दर्ज करवाएंगे या फिर अपने प्रसिद्ध बुलडोजर का डर दिखाएंगे?

अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में भाजपा सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब उनकी अपनी पार्टी के विधायक ही पुलिस प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, तो आम जनता के साथ किस प्रकार का न्याय हो सकता है? उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, और इस तरह के आरोप इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है।
डॉ. जी.एस. धर्मेश के आरोप
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री डॉक्टर जी.एस. धर्मेश ने अपने पत्र में आगरा पुलिस कमिश्नरेट के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां हर कार्य के लिए कमीशन निर्धारित है। उन्होंने पत्र के माध्यम से खुलासा किया कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, और जनता को न्याय पाने के लिए पुलिस अधिकारियों को कमीशन देना पड़ता है।
डॉ. धर्मेश के इस खुलासे ने भाजपा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, क्योंकि यह आरोप सरकार के ही विधायक की तरफ से आए हैं। इससे पहले भी विपक्ष कई बार राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठा चुका है, लेकिन इस बार भाजपा के अंदर से ही इस तरह के आरोप लगना सरकार के लिए एक बड़ा झटका है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस पूरे घटनाक्रम से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जहां इसे योगी सरकार की नाकामी बताया है, वहीं भाजपा के अंदर इस मुद्दे को लेकर खामोशी छाई हुई है। अब देखना यह होगा कि भाजपा विधायक के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार क्या प्रतिक्रिया देती है।
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है, और इसके बाद आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो सकती है। जनता भी इस मुद्दे को लेकर जागरूक है, और इस मामले में सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है।