लखनऊ, 20 जून 2025:
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की दशा को लेकर सरकार पर सवाल दागे। सपा मुखिया ने कहा सपा शिक्षकों का दर्द समझती है क्योंकि वो खुद शिक्षक के बेटे हैं। स्कूल मर्जर एक सोची समझी रणनीति है
जिससे गरीब शिक्षा से दूर रह सकें।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शुक्रवार को यूपी की राजधानी स्थित पार्टी कार्यालय पर मीडिया से मुखातिब थे। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के गरीबों और वंचितों को शिक्षा से दूर करने के लिए भाजपा सरकारी स्कूलों का विलय कर रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में दो लाख से अधिक पद खाली हैं लेकिन उनकी भर्ती नहीं की जा रही है। स्कूलों के विलय से शिक्षक भर्ती भी नहीं होगी। शिक्षामित्र और 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन उनकी अभी तक नहीं सुनी गई है।
नेताजी खुद शिक्षक थे, उनके अंदर का शिक्षक कभी खत्म नहीं हुआ, वो शिक्षक के रूप में हमेशा दिखाई दिए। एक शिक्षक का बेटा होने के नाते, हर शिक्षक से मेरा पारिवारिक संबंध है, उनका दर्द मेरा दर्द है। शिक्षकों एवं बच्चों के अभिभावकों को जितनी जल्दी ये बात समझ आ जाएगी कि भाजपा सरकार शिक्षक और शिक्षा के खिलाफ है उतनी ही जल्दी परिवर्तन के लिए जमीन बननी शुरू हो जाएगी। यह सरकार हृदयहीन है, जिसमें संवेदना न हो, वो सरकार नहीं चाहिए किसी को।
समाजवादी पार्टी हमेशा शिक्षकों के साथ है, जो बरसों से अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। जब कभी समाजवादी पार्टी को मौका मिलेगा तो उनकी समस्याओं का समाधान करने का काम हम करेंगे।
यह तमाम बातें पढ़ाई की, बच्चो की, परिवार वाले ही समझ सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी की विभाजनकारी राजनीति है, डिवाइड एंड रुल करने की राजनीत है। यह वो पॉलिटिकल पार्टी है, जिस विचारधारा को कभी अंग्रेजों ने बनाया था।