
पहलगाम, 27 मई 2025:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक अहम फैसला लिया है। उन्होंने उसी स्थान पर, जहां आतंकियों ने मासूम पर्यटकों पर हमला किया था, कैबिनेट बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। यह बैठक राज्य के बाहर पहली बार आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य न केवल आतंकवादियों को सख्त संदेश देना है बल्कि घाटी में बिखरे हुए विश्वास को पुनः स्थापित कर पर्यटन को पुनर्जीवित करना भी है।
पहलगाम की बैसरन घाटी में स्थित एक रिसॉर्ट में होने वाली इस बैठक में जम्मू-कश्मीर कैबिनेट के साथ-साथ वरिष्ठ सिविल और पुलिस अधिकारी भी शामिल होंगे। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए थे। आतंकी हमले के बाद घाटी में पर्यटन पूरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का मानना है कि ऐसी कैबिनेट बैठक से घाटी के लोगों में सुरक्षा और विश्वास की भावना मजबूत होगी। इससे पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी राहत मिलेगी। यह पहली बार है जब कैबिनेट की बैठक ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर या शीतकालीन राजधानी जम्मू के बाहर हो रही है।
इस बैठक का एजेंडा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि यह बैठक आतंकवाद के खिलाफ एक प्रतीकात्मक संदेश है कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने अपने पहले कार्यकाल में भी दूरदराज के इलाकों में कैबिनेट बैठक कर लोगों का विश्वास बढ़ाने के प्रयास किए थे।
22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकियों को निशाना बनाया था। इस हमले के बाद घाटी से पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई थी। अब इस बैठक से उम्मीद जताई जा रही है कि पर्यटन फिर से सक्रिय होगा और घाटी में सामान्य जीवन लौटेगा।
इस तरह उमर सरकार आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए जम्मू-कश्मीर में स्थिरता और विकास की दिशा में कदम बढ़ा रही है।






