सुल्तानपुर, 11 नवंबर 2025:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मेल मुलाकात के बाद सुर्खियों में आए सुल्तानपुर जिले के मोची रामचेत का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से कैंसर और टीबी से जूझ रहे थे। आर्थिक कमजोरी के बीच गंभीर बीमारी से लड़ते-लड़ते रामचेत जिंदगी की जंग हार गए।
रामचेत जिले के कूरेभार क्षेत्र के ढेसरुआ गांव के रहने वाले थे। वे अपनी मेहनत और स्वाभिमान के लिए जाने जाते थे। बीते वर्ष 26 जुलाई को राहुल गांधी जब सुल्तानपुर जिला न्यायालय में मानहानि के एक मामले में पेशी के बाद लखनऊ लौट रहे थे तो रास्ते में उन्होंने रामचेत की गुमटी पर रुककर उनसे बातचीत की थी। बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने उनकी आर्थिक स्थिति देखकर मदद का आश्वासन दिया था।

इसके बाद राहुल गांधी की पहल पर रामचेत को जूते-चप्पल बनाने के लिए आधुनिक सिलाई मशीन और कच्चा माल उपलब्ध कराया गया था। इससे उनका छोटा व्यवसाय फिर से पटरी पर लौटने लगा था लेकिन बीमारी ने उन्हें दोबारा कमजोर कर दिया।
मंगलवार सुबह उनके निधन की खबर फैलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों कहना है कि रामचेत ईमानदार, मेहनती और आत्मसम्मान से जीवन जीने वाले व्यक्ति थे। उनके बेटे राघवराम ने राहुल गांधी को फोन पर पिता के निधन की सूचना दी। राहुल गांधी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए परिवार को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया। गांव में हर कोई इस स्वाभिमानी मोची को श्रद्धांजलि दे रहा है।






