Uttar Pradesh

सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज में महिला व युवक की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप, हंगामा और तोड़फोड़

आशुतोष तिवारी

सुल्तानपुर, 15 जून 2025:

यूपी के सुल्तानपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान रविवार को एक महिला और फिर एक युवक की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। दोनों के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। युवक की मौत से आक्रोशित उसके परिजनों ने इमरजेंसी में तोड़फोड़ कर दी, जिससे वहां अफरातफरी मच गई। इस दौरान कुछ परिजन लहूलुहान भी हो गए।

सर्पदंश से पीड़ित था अयोध्या का युवक

जानकारी के मुताबिक अयोध्या के चौरे बाजार निवासी शिवम (21) को सांप ने डस लिया था। इलाज के लिए शिवम को लेकर उसके परिजन रविवार दोपहर सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि शिवम को भर्ती कराने के बाद उसकी हालत ठीक थी, लेकिन स्टाफ ने एक इंजेक्शन देने के बाद कोई उपचार नहीं किया। कुछ देर बाद ही उसकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई। इससे आक्रोशित परिजन बेकाबू हो गए।

तोड़फोड़ की सूचना पर सीएमएस डॉ. आरके मिश्रा और नगर कोतवाली पुलिस वहां पहुंची। पुलिस ने हंगामा करने वालों की जानकारी जुटाई। वहीं, स्वास्थ्य कर्मी केस दर्ज कराने की बात कह रहे हैं। पुलिस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

पेट में दर्द होने पर महिला को परिजनों ने कराया था भर्ती

इस घटना से कुछ घंटे पहले सुल्तानपुर के तमेहड़ी निवासी आशा देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतका के भाई रंजीत के अनुसार 14 जून को दोपहर आशा को पेट में तेज दर्द की शिकायत पर इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। प्रारंभिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत सामान्य बताई और वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। रात तक आशा की स्थिति ठीक थी। रविवार सुबह उन्हें दोबारा तेज दर्द की शिकायत हुई। रंजीत ने बताया कि नर्स को बुलाया गया, जिसने इंजेक्शन दिया। इसके कुछ देर बाद ही आशा देवी की मौत हो गई।

परिजनों का आरोप है कि उन्होंने कई बार डॉक्टर को बुलाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं पहुंचे। डॉक्टर तब पहुंचे जब आशा देवी की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। दूसरी तरफ सीएमएस डॉ. आरके मिश्रा ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अविनाश ने मरीज की जांच की थी और उसे पहले से कार्डियक समस्या थी। कुछ दिन पहले भी उसे भर्ती किया गया था। स्वस्थ होने के बाद परिजन उसे घर ले गए थे।

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