
फरीदाबाद , 18 फरवरी 2025:
सूरजकुंड मेला, जो हर साल हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित होता है, इस वर्ष 7 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक चल रहा है। यह मेला न केवल भारत की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है।
इस बार का विशेष आकर्षण
इस वर्ष सूरजकुंड मेला में कई विशेषताएँ हैं:
• थीम राज्य: इस बार मेले में ओडिशा और मध्य प्रदेश को थीम राज्य के रूप में चुना गया है। यहाँ इन राज्यों की कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और व्यंजनों का अद्भुत प्रदर्शन किया जा रहा है।
• अंतरराष्ट्रीय भागीदारी: इस वर्ष 40 से अधिक देशों के कलाकार शामिल हो रहे हैं, जिनमें उज्बेकिस्तान मुख्य भागीदार देश है। यह वैश्विक सहभागिता मेले को एक विशेष रंग देती है।
• हस्तशिल्प और कला: मेले में 1,000 से अधिक कारीगरों द्वारा फुलकारी कढ़ाई, मधुबनी पेंटिंग्स, कश्मीरी पश्मीना और धोकरा धातु कला जैसे अद्भुत हस्तशिल्प प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
• संस्कृति का उत्सव: यहाँ पर हर दिन विभिन्न लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम होते हैं, जैसे कि गोमर, लावणी और बिहू। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय कलाकारों द्वारा भी प्रदर्शन किया जाता है।
• खाने का अनुभव: मेले में स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय खाद्य स्टॉल भी हैं। यहाँ राजस्थानी दाल बाटी चूरमा से लेकर बंगाली रसगुल्ला तक का आनंद लिया जा सकता है।
• कार्यशालाएँ और लाइव प्रदर्शन: आगंतुकों के लिए विभिन्न कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही हैं, जहाँ वे हस्तशिल्प बनाने की प्रक्रिया देख सकते हैं और खुद भी भाग ले सकते हैं।
• परिवार के लिए मनोरंजन: बच्चों के लिए विशेष गतिविधियाँ और राइड्स उपलब्ध हैं, जिससे यह मेला परिवारों के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है।
टिकट की जानकारी
सूरजकुंड मेले के टिकट की कीमतें सप्ताह के दिनों में ₹120 और सप्ताहांत में ₹180 तक होती हैं। पर अब इसमें 40प्रतिशत तक छूट रहेगा हालाँकि वीकेंड में कोई छूट नहीं है। टिकट ऑनलाइन और स्थल पर उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष
सूरजकुंड मेला केवल एक व्यापारिक मेला नहीं है; यह भारत की सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाने का एक अद्वितीय अवसर है। यदि आप कला, संस्कृति या खाद्य प्रेमी हैं, तो इस मेले को अवश्य देखें। यह अनुभव निश्चित रूप से आपके लिए यादगार रहेगा।






