
चंडीगढ़, 26 सितंबर 2025 :
चंडीगढ़ एयरबेस में शुक्रवार को वायुसेना के फाइटर जेट मिग 21 को विदाई दी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सेना के आला अफसरों की मौजूदगी में जेट ने अंतिम उड़ान भरी। लैंड करने के बाद वाटर कैनन से पानी की बौछार डाली गई। अब ये जेट आसमान नहीं बल्कि म्यूजियम में दिखाई देगा। विदाई समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा 1963 में देश की वायुसेना से जुड़े मिग ने कई दफा तिरंगे का सम्मान बढ़ाया। ये हमारी सेना की आत्मा का हिस्सा रहा।
विदाई समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि MiG-21 ने सेना को कई गौरवशाली पलों से जोड़ा है। इतिहास में, ऐसा कोई फाइटर जेट नहीं हुआ, जो इतनी बड़ी संख्या में निर्मित हुआ हो। दुनिया भर में MiG-21 के 11,500 से अधिक विमान बनाए गए, और उनमें से लगभग 850 विमान भारतीय वायुसेना का हिस्सा रहे। यह संख्या अपने आप में, इस फाइटर जेट की लोकप्रियता व विश्वसनीयता की प्रतीक है। लंबे समय तक MiG-21, अनेक वीरतापूर्ण कृत्यों का साक्षी रहा है। इसका योगदान, किसी एक घटना तक, या एक युद्ध तक सीमित नहीं रहा। 1971 के युद्ध से लेकर कारगिल के युद्ध तक, या फिर बालाकोट एयरस्ट्राइक से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, ऐसा कोई क्षण नहीं रहा, जब MiG-21 ने हमारी सेना को, जबरदस्त मज़बूती न प्रदान की हो। 1971 का वॉर भला कौन भूल सकता है। MiG-21 ने पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान, विपरीत परिस्थितियों में, जिस दिन ढाका के गवर्नर हाउस पर हमला किया, उसी दिन, उस युद्ध के परिणाम की रूपरेखा तय कर दी गई। इसके अलावा भी, इसके लम्बे इतिहास में अनेक ऐसे मौके आए, जब MiG-21 ने अपनी क्षमता साबित की।
हमारी सभ्यता और हमारी संस्कृति हमें यही सिखाती है, कि सम्मान सिर्फ मनुष्य को ही नहीं, बल्कि हर उस चीज़ को दिया जाना चाहिए, जिसने हमारे जीवन में कुछ न कुछ योगदान दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि MiG-21 ने अपने क्रेता और अपने विक्रेता दोनों की अपेक्षाओं से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। 1950 के दशक में जिस डिज़ाइन पर यह जेट बना था, वह उस समय की टेक्नालॉजी के हिसाब से बेस्ट था। समय के साथ इसमें बेहतर रडार सिस्टम जोड़ा गया। इसके अलावा भी इसमें अनेक हवा से हवा में वार करने वाली मिसाइल जोड़ी गईं, लक्ष्यभेदी मिसाइल जोड़ी गईं, फ्री फॉल बॉम्ब भी जोड़े गए। यही कारण है कि मिग-21 को इतने लंबे समय तक हमारी वायुसेना का भरोसा और सम्मान मिलता रहा। आज जो हमारे पास कुशल पॉयलट हैं, उनकी नींव कहीं-न-कहीं MiG-21 ने ही रखी थी। यही वजह है कि भारत की सुरक्षा यात्रा में MiG-21 एक सारथी की तरह हमेशा हमारे साथ खड़ा रहा।