
गोरखपुर, 3 सितंबर 2025:
गोरखा सैनिकों की वीरता और शौर्य गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए योगी सरकार एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रही है। यूपी के गोरखपुर स्थित गोरखा रेजिमेंट के गोरखा भर्ती डिपो (जीआरडी) में गोरखा युद्ध स्मारक का सौंदर्यीकरण कराने के साथ एक भव्य संग्रहालय (म्यूजियम) का निर्माण कराया जाएगा। इसका शिलान्यास 4 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के हाथों होगा।
यह संग्रहालय गोरखा रेजिमेंट का पहला संग्रहालय होगा, जहां लोग गोरखा सैनिकों के अद्वितीय शौर्य और उनके योगदान से पहली बार सीधे तौर पर परिचित हो सकेंगे।इसके निर्माण पर 44 करोड़ 73 लाख रुपये की लागत आएगी। निर्माण कार्यों में संग्रहालय, टॉयलेट ब्लॉक, टिकट काउंटर, मौजूदा भवन का जीर्णोद्धार, वाटर बॉडी, चहारदीवारी और लिफ्ट का निर्माण शामिल है।
इसके अतिरिक्त, लाइट एंड साउंड शो, सेवन डी थिएटर और म्यूरल पेंटिंग जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं भी होंगी।
गोरखा सैनिक भारतीय सेना में अपने असाधारण युद्ध कौशल के लिए जाने जाते हैं। ब्रिटिश काल से लेकर अब तक गोरखा जवानों को 2700 से अधिक वीरता पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश की आजादी के बाद से युद्ध और शांति अभियानों में अतुलनीय योगदान दिया है। वर्तमान में लगभग 40,000 गोरखा सैनिक भारतीय सेना के माध्यम से राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।
गोरखा भर्ती डिपो की स्थापना 1866 में हुई थी। यह सबसे पुराना भर्ती डिपो है। यहां स्थित युद्ध स्मारक की स्थापना 1925 में प्रथम विश्वयुद्ध में गोरखा जवानों के योगदान की स्मृति में की गई थी। इस स्मारक में अब तक आठ ऐसे वीर सैनिकों की कांस्य प्रतिमाएं स्थापित हैं, जिन्होंने युद्ध के दौरान असाधारण वीरता का परिचय दिया। इनमें पहले फील्ड मार्शल मानेकशॉ, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, कैप्टन मनोज पांडेय, अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जेआर चिटनिस, लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त, मेजर मान बहादुर राय और नायक नर बहादुर शामिल हैं।






