
हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर,27 मार्च 2025:
गोरखपुर की अदालत ने दो अलग-अलग हत्या मामलों में छह अभियुक्तों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोर सजा को आवश्यक बताया।
पहले मामले में, 18 दिसंबर 2006 को रेलवे कॉलोनी में रेलवे बाबू प्रभुनाथ उर्फ गुड्डू चौधरी की खून से लथपथ लाश मिली थी। जांच में राजेश कुमार रावत और प्रमोद कुमार निषाद को दोषी पाया गया, जिन्हें आजीवन कारावास और 21-21 हजार रुपये अर्थदंड की सजा मिली।अर्थदंड न देने पर अभियुक्तों को एक साल आठ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
दूसरे मामले में, 21 अप्रैल 2009 को शाहपुर में एक शव मिला, जिसकी पहचान हेमंत हिरवानी के रूप में हुई। पैसे देने के बहाने बुलाकर हत्या करने के आरोप में विजय कुमार उपाध्याय, मोरिश उर्फ बंटी, सैफ अली और संजुम आरिफ को दोषी ठहराया गया। अदालत ने चारों को आजीवन कारावास और 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर अभियुक्तों को एक साल 2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
दोनों मामलों में अभियोजन पक्ष ने ठोस साक्ष्य और गवाह पेश किए, जिसके आधार पर अदालत ने दोषियों को कड़ी सजा सुनाई। न्यायाधीशों ने कहा कि कानून का डर बनाए रखने के लिए ऐसी सजा आवश्यक है।






