
नई दिल्ली, 8 जुलाई 2025
महाराष्ट्र में भाषा को लेकर छिड़े विवाद ने एक बार फिर राजनीतिक रंग ले लिया है। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद राजीव राय ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर दम है तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को मुंबई से बाहर निकाल कर दिखाएं।
दरअसल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा ठाणे के भयंदर इलाके में एक फूड स्टॉल संचालक की पिटाई की गई थी, जिसका कारण यह था कि उसने मराठी में जवाब नहीं दिया। इस घटना ने पूरे प्रदेश में भाषा की राजनीति को हवा दे दी है।
सपा सांसद राजीव राय ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर तीखा हमला करते हुए लिखा कि जब किसी नेता की राजनीतिक जमीन कमजोर हो जाती है, तो वह मीडिया में आने के लिए गरीब हिंदी भाषी लोगों पर गुंडागर्दी करता है। उन्होंने राज ठाकरे से पूछा कि हिंदी फिल्मों से जिनके परिवार ने अरबों कमाए, आज वही लोग हिंदी भाषियों को निशाना क्यों बना रहे हैं?
राजीव राय ने कहा कि अगर वास्तव में ताकत है तो हिंदी सिनेमा को मुंबई से बाहर निकाल कर दिखाएं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हजारों मराठी परिवार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर निर्भर हैं और यह पूरी इंडस्ट्री देश की साझा विरासत है।
साथ ही उन्होंने मराठी भाषा को ‘संस्कारों की भाषा’ बताते हुए कहा कि यह गुंडागर्दी की नहीं, बल्कि संस्कृति की भाषा है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत का कोई हिस्सा सिर्फ भाषा के नाम पर किसी एक का नहीं हो सकता, और इस देश में हर नागरिक को किसी भी राज्य में काम करने और बसने का अधिकार है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में फडणवीस सरकार द्वारा लाई गई तीन भाषा नीति के खिलाफ ठाकरे बंधु एकजुट होकर विजय रैली में शामिल हुए थे। इस मंच पर दोनों भाई लगभग दो दशक बाद साथ नजर आए। इस घटनाक्रम के बाद अब यह मुद्दा दिल्ली तक गूंजने लगा है और आने वाले समय में यह सियासत को और गरमा सकता है।