नई दिल्ली, 20 अगस्त 2025
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यमन में हत्या के एक मामले में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए केंद्र सरकार के बैंक खाते में उदार दान मांगने वाले सोशल मीडिया पर प्रसारित संदेश “फर्जी” हैं।
19 अगस्त को उपयोगकर्ता द्वारा की गई पोस्ट में ‘सेव निमिशा प्रिया’ नारे के साथ एक पोस्टर और कुछ बैंक लेनदेन का विवरण दिखाया गया था।
यह पोस्ट के.ए. पॉल नाम के एक ब्लू टिक अकाउंट से की गई थी। पोस्ट में लिखा था, “निमिषा को बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाते में दान करें। हमें 8.3 करोड़ रुपये की ज़रूरत है।”
विदेश मंत्रालय की तथ्यान्वेषी टीम ने इस मामले पर एक बयान जारी कर कहा, “हमें सोशल मीडिया पर एक अनुरोध मिला है जिसमें भारत सरकार के एक निर्दिष्ट बैंक खाते में दान देने का अनुरोध किया गया है। यह एक फर्जी अनुरोध है।”
इससे पहले, जुलाई में, के.ए. पॉल ने एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने हूती सरकार से निमिषा की रिहाई की गुहार लगाई थी। इस वीडियो में निमिषा प्रिया की 13 वर्षीय बेटी मिशेल और उसके पति थॉमस भी थे।
भारत ने 1 अगस्त को कहा था कि वह निमिषा प्रिया मामले में हर संभव सहायता प्रदान करता रहेगा। विदेश मंत्रालय ने 1 अगस्त को कहा था कि वह मामले को सुलझाने के लिए कुछ मित्र देशों के संपर्क में भी है।
2017 में, केरल के पलक्कड़ जिले की निवासी नर्स निमिषा प्रिया को उस देश में एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। 38 वर्षीय निमिषा प्रिया को 6 जुलाई को फांसी दी जानी थी। बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। निमिशा फिलहाल यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है।