मोदी सरकार पर राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना करवाने का दबाव बढ़ रहा है। विपक्ष बार-बार यह मांग उठा ही रहा है, सरकार के सहयोगी दलों में भी फूट पड़ती दिख रही है। बिहार के क्षेत्रीय दल लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (लोजपा- आर) के प्रमुख चिराग पासवान सार्वजनिक तौर पर देशव्यापी जातीय जनगणना की मांग का समर्थन कर चुके हैं, अब बिहार के ही सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने भी यही रुख दिखाया है।
सूत्रों की मानें तो अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) कल्याण पर संसदीय समिति की हुई पहली बैठक में विपक्ष ने एक सुर में जाति जनगणना की बात उठाई तो जेडीयू ने भी हां में हां मिलाता दिखा। सूत्रों के मुताबिक, जेडूयी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों को बुलाकर उन्हें ओबीसी के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने की विपक्षी सदस्यों की मांग का समर्थन किया।
18वीं लोकसभा में ओबीसी कल्याण पर संसदीय समिति का गठन इसी महीने की गई। बीजेपी सांसद गणेश सिंह इसके अध्यक्ष हैं। समिति की पहली बैठक में लोकसभा में डीएमके संसदीय दल के नेता टीआर बालू ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाया।
जेडीयू सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है। वह राष्ट्रव्यापी जातीय जनगणना का मुखर समर्थक रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में जाति जनगणना करवाया और रिपोर्ट को पिछले वर्ष सार्वजनिक भी किया। सूत्रों ने कहा कि समिति में इस बात पर चर्चा हुई कि आईएएस-आईपीएस समेत केंद्र सरकार के विभिन्न पदों पर ओबीसी आरक्षण को कैसे लागू किया जाता है।