
लखनऊ, 5 अक्टूबर 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राज्य कर विभाग की राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि अब विभाग में तैनाती का आधार केवल ‘परफॉर्मेंस’ होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि फील्ड में वही अधिकारी तैनात किए जाएं जो लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्ध हों और जिनकी छवि बेदाग हो।
सीएम ने बताया कि जीएसटी के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ के बाद बाजार में तेजी देखी जा रही है और आने वाले महीनों में इसके सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धनतेरस और दीपावली के दौरान अनावश्यक जांच और छापेमारी से बचा जाए तथा व्यापारियों के उत्पीड़न की कोई शिकायत न आए।
बैठक में जोनवार समीक्षा के दौरान अवगत कराया गया कि बरेली (64.2%), सहारनपुर (63.7%), मेरठ (63.0%), गोरखपुर (62.5%) और झांसी (62.1%) जोनों ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया है। वहीं कुछ जोनों में लक्ष्य पूर्ति 55–58% के बीच रही, जिनमें सुधार की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया कि 50% से कम राजस्व संग्रह वाले खंडों की स्थिति स्पष्ट करें और तुरंत सुधार की कार्ययोजना बनाएं।
उन्होंने सराहना की कि बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन में कोई भी खंड 50% से कम संग्रह वाला नहीं है। वहीं, कमजोर प्रदर्शन वाले क्षेत्रों में जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए। सीएम ने कहा, “राजस्व वृद्धि राज्य की आर्थिक प्रगति का प्रमुख आधार है। सभी अधिकारी निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति का संकल्प लें।” उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को बाजारों का स्वयं निरीक्षण करने, व्यापारियों से संवाद बढ़ाने और उनकी अपेक्षाओं को समझने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने उदाहरण दिया कि मंडी शुल्क में कमी से किसानों को राहत और राजस्व में वृद्धि दोनों हुई हैं। यह पारदर्शी कर प्रणाली की सफलता का प्रमाण है।
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय जीएसटी संग्रह में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए और इसके लिए नियोजित प्रयास जरूरी हैं। बैठक में बोगस फर्मों और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पर विशेष चर्चा हुई। विभाग ने अब तक 104 फर्मों में ₹873.48 करोड़ के फर्जी आईटीसी का पता लगाया है, जिन पर कठोर कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी कमी दिखे, वहां तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। उन्होंने बकाया वसूली, फर्जी आईटीसी की रोकथाम और लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण पर विशेष बल दिया।
उन्होंने कहा कि करदाताओं की सुविधा और विश्वास अर्जन ही स्थायी राजस्व वृद्धि का आधार है। इसके लिए ई-गवर्नेंस को और सुदृढ़ बनाते हुए करदाता-मित्रवत वातावरण तैयार किया जाए। सीएम ने कहा कि राजस्व वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने का आधार है। विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में राज्य कर विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि कर संग्रह का प्रत्येक रुपया प्रदेश के विकास में योगदान दे।