
आगरा, 28 जुलाई 2025:
यूपी के आगरा जिले में सावन के तीसरे सोमवार को कैलाश मंदिर पर मेले का भव्य आयोजन किया गया। यहां सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ा। कांवड़ियों की लंबी लाइन लगी रही। कैलाश मंदिर बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। मंगला आरती के बाद कांवड़ियों का जल चढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ। मेले में उमड़ी भीड़ के कारण आगरा के चारों ओर हाइवे समेत अन्य मार्गों पर रूट डायवर्जन लागू रहा।
कैलाश मंदिर पर सोमवार को सुबह 4 बजे ही महादेव के भक्तों का आना शुरू हो गया। लगभग 10 बजे भारी संख्या में भक्त कैलाश पहुंचे। इससे मंदिर परिसर में बाहर तक लाइन लगी रहीं। मंदिर परिसर में बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो उठा। कैलाश मार्ग पर भक्तों की भीड़ लगी रही। भक्तों के लिए जगह-जगह भंडारे के आयोजन किए गए। मार्ग पर कई जगह साउंड सिस्टम लगाए गए। महादेव के भक्त शिव भजनों पर नाचते हुए कैलाश मंदिर की ओर बढ़ते रहे।
भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस ने वाहनों को मंदिर से 3 किमी पहले ही रोक दिया गया। दो पहिया वाहनों को भी नहीं जाने दिया गया। इससे बच्चों से लेकर बड़े लोगों को भी कैलाश मंदिर तक जाने में काफी दिक्कत हुई।
मान्यता है कि कैलाशपति महादेव का दरबार दस हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है। यहां एक साथ दो शिवलिंग मंदिर की महिमा को और भी बढ़ाते हैं। मान्यता है कि ऐसा संयोग दुलर्भ ही मिलता है। शिवलिंग भगवान परशुराम और उनके पिता ऋषि जमद्गिनी के द्वारा स्थापित किए गए थे। दोनों ने मंदिर में एक-एक शिवलिंग स्थापित किया। बहुत कम मंदिरों में दो शिव लिंग स्थापित हैं। महर्षि परशुराम के पिता की माता का आश्रम रेणुका धाम भी यहां से छह किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।






