लखनऊ, 23 जून 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि सोमवार को श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस मौके पर सिविल अस्पताल में उनकी प्रतिमा पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुष्पांजलि अर्पित की। सीएम ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद ने एक विधान एक प्रधान एक निशान का उद्घोष किया और देश की अखंडता के लिए बलिदान दे दिया।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को समर्पित सिविल अस्पताल में उनके प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि सभा में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक व जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे। यहां सभा मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा आज ही के दिन 1953 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अखण्ड भारत के लिए बलिदान दिया था। स्वतंत्र भारत में कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने देश को अपने विजनरी नेतृत्व में लाभान्वित करके देश की औद्योगिक नीति तय करने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने आजादी के तत्काल बाद राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ किए जा रहे खिलवाड़ को देखते हुए इस्तीफा दिया और भारतीय जन संघ के पहले अध्यक्ष के रूप में देश में एक नई राजनीतिक शुरुआत को आगे बढ़ाया।
सीएम योगी ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने वर्ष 1952 में प्रथम आम चुनाव के बाद देश के संविधान में धारा 370 को टाल करके राष्ट्रीय एकता को चुनौती दी थी। इसके साथ ही कश्मीर में परमिट सिस्टम लागू किया। सरकार के लोगों ने ही देश की सुरक्षा के साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता को चुनौती देने का काम किया। इस पर डॉ. मुखर्जी ने एक देश में एक प्रधान, एक विधान और एक निशान का उद्घोष करते हुए कश्मीर में प्रवेश किया। इस दौरान उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया। जम्मू कश्मीर की जेल में उन्होंने 23 जून 1953 को बलिदान दे दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने वर्ष 1953 में ‘एक भारत अखंड भारत और सुरक्षित भारत’ का सपना देखा था उसे साकार होने में 65 से 66 वर्ष लगे। जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पांच अगस्त 2019 को कश्मीर में धारा 370 समाप्त हुई। आज जम्मू कश्मीर लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों के साथ भारत के संविधान की भावनाओं के अनुरूप ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार कर रहा है।