लखनऊ, 6 नवंबर 2024:
यूपी के बहराइच जिले में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद जारी किए गए मकानों के ध्वस्तीकरण नोटिसों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि फिलहाल ऐसी कोई कारवाई न करें जो कानून सम्मत न हो।
कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को चार बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने और याची को आपत्तियां दाखिल करने का समय देते हुए अगली सुनवाई 11 नवंबर को नियत की है। इस मामले में कोर्ट ने अभी कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है लेकिन ध्वस्तीकरण नोटिस मामले में 11 नवंबर तक कथित अतिक्रमणकर्ताओं को राहत रहेगी।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ के समक्ष एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स संस्था की जनहित याचिका बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। याचिका में बहराइच के कथित अतिक्रमणकर्ताओं को गत 17 अक्तूबर को जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों को चुनौती देते हुए इन्हें रद्द करने के निर्देश देने का आग्रह किया गया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर कई जानकारियां मांगी। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही व मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह पेश हुए और कोर्ट को वांछित जानकारी दी।
मालूम हो कि बहराइच के महाराजगंज कस्बे में गत 13 अक्तूबर को हिंसा के बाद रामगोपाल मिश्रा की हत्या हो गई थी। इसके बाद महाराजगंज के कथित अतिक्रमणकर्ताओं के निर्माणों को ढहाने की नोटिसें उन्हें जारी की गईं थीं।

