
लॉस एंजेलेस, 8 अगस्त 2025 –
ट्रंप प्रशासन ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजेलेस (UCLA) से 1 बिलियन डॉलर के समझौते की मांग की है। यह कदम उच्च शिक्षा क्षेत्र में नीति बदलाव और सख्त शर्तों के साथ विश्वविद्यालयों पर दबाव डालने की एक बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
प्रशासन ने UCLA की फंडिंग में से 584 मिलियन डॉलर को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, जिससे संस्थान के अनुसंधान कार्यों पर “विनाशकारी” प्रभाव पड़ने की आशंका जताई गई है। UCLA के चांसलर जूलियो फ्रेंक ने यह जानकारी विश्वविद्यालय को एक पत्र के माध्यम से दी।
सूत्रों के अनुसार, UCLA प्रशासन फिर से वार्ता की मेज़ पर लौट आया है और फंडिंग बहाल करवाने के लिए समझौते की कोशिश कर रहा है। प्रशासन द्वारा भेजे गए एक प्रस्ताव में यूनिवर्सिटी से 1 बिलियन डॉलर कई किश्तों में चुकाने की मांग की गई है, साथ ही 172 मिलियन डॉलर का एक विशेष फंड भी बनाने को कहा गया है, जो Title VII के उल्लंघन से प्रभावित लोगों के लिए होगा।
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय को एक निगरानी अधिकारी नियुक्त करना होगा और एक नया वरिष्ठ प्रशासक लाना होगा जो भेदभाव-निरोधक नियमों के अनुपालन पर नजर रखेगा। इसके अतिरिक्त, रातभर प्रदर्शन प्रतिबंधित होंगे, प्रदर्शन नीतियों में बदलाव करना होगा और जाति व समुदाय आधारित छात्रवृत्तियाँ बंद करनी होंगी।
महिला छात्रों के लिए अलग हॉस्टल, महिला खिलाड़ियों को खेलों में मान्यता और UCLA मेडिकल सेंटर में जेंडर-एफ़र्मिंग केयर समाप्त करने की भी शर्तें रखी गई हैं।
अगर UCLA यह समझौता स्वीकार करता है तो उसकी निलंबित फंडिंग बहाल हो जाएगी और वह भविष्य में संघीय अनुदान के लिए पात्र रहेगा।
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब ट्रंप प्रशासन कॉलेज परिसरों पर कथित यहूदी-विरोधी गतिविधियों पर कार्रवाई कर रहा है। UCLA पहले ही इस सिलसिले में जांच के घेरे में है और हाल ही में एक मामले में समझौता भी कर चुका है।
ट्रंप टीम ब्राउन और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से भी समझौते कर चुकी है और हार्वर्ड के खिलाफ दो मुकदमों में संलिप्त है।