Uttar Pradesh

मजलिसों में भड़काऊ बयान देकर भारत के खिलाफ युवाओं को उकसाता था ‘तुफैल’

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 24 मई 2025:

यूपी के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने वाराणसी के जैतपुरा क्षेत्र में रहने वाले युवक तुफैल की गिरफ्तारी देश विरोधी गतिविधियों की लंबी फेहरिस्त समेटे है। पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक को गोपनीय सूचनाएं उपलब्ध कराने वाला तुफैल भारत विरोधी एजेंडा लेकर मजलिसों में भड़काऊ बयान देकर माहौल बनाता था।

एटीएस खंगाल रही पाकिस्तान के लिए जासूसी करने में गिरफ्तार तुफैल के कारनामे

बता दें कि पहलगाम आतंकी घटना व ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इन्हीं हालातों के बीच यूपी एटीएस ने वाराणसी के थाना जैतपुरा दोशीपुरा क्षेत्र के जे-15/107 में रहने वाले मकसूद के बेटे तुफैल को आदमपुर से गिरफ्तार किया था उसके पास सिम व मोबाइल भी बरामद हुआ है। तुफैल इसी सिम के सहारे पाकिस्तान के आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़कर व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़कर देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर कर रहा था। तुफैल पिछले पांच सालों से वाराणसी, मऊ, आजमगढ़, लखनऊ जैसे शहरों की मजलिसों में सक्रिय था। वहां वह बाबरी मस्जिद का जिक्र कर लोगों को उकसाता और कहता, “क्या हम अपनी जमीन छोड़ देंगे?” उसकी ये बातें युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जा रही थीं। वह रोज 15-18 घंटे लोगों से मिलने में बिताता, रात को देर से घर लौटता और सुबह जल्दी निकल जाता।

पाकिस्तानी सैनिक की पत्नी से हुई दोस्ती

तुफैल की दोस्ती फेसबुक पर फैसलाबाद की नफीसा खान से हुई। फेसबुक मैसेंजर से शुरू हुई बातचीत जल्द ही वॉट्सऐप और वीडियो कॉल तक पहुंच गई। नफीसा ने तुफैल से वाराणसी की गलियों, गंगा घाटों और यहाँ तक कि VVIP नमोघाट और ज्ञानवापी जैसे संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें और वीडियो मंगवाए। इतना ही नहीं, तुफैल ने नफीसा को बनारसी साड़ी और चंदेरी सिल्क का सूट नेपाल और पंजाब के रास्ते कोरियर से भेजा।

डिजिटल फुटप्रिंट में चार देशों से मिला नेटवर्क

ATS की जांच में तुफैल का डिजिटल फुटप्रिंट एक खतरनाक नेटवर्क की तस्वीर पेश करता है। उसके मोबाइल से 70% डेटा रिकवर हो चुका है, जिसमें वॉट्सऐप और फेसबुक चैट्स ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। तुफैल का नेटवर्क सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित नहीं था, बल्कि दुबई, ईराक और नेपाल जैसे देशों तक फैला था। 19 वॉट्सऐप ग्रुप्स में से 4 पाकिस्तान से जुड़े थे, जिनमें 1000 से ज्यादा युवा शामिल थे। इन ग्रुप्स में तुफैल कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देता, बाबरी मस्जिद का जिक्र कर लोगों को भड़काता और भारत विरोधी पोस्ट शेयर करता। उसने वाराणसी, लखनऊ, दिल्ली, हैदराबाद जैसे शहरों की संवेदनशील जानकारी विदेशी संपर्कों तक पहुंचाई।

तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़कर कट्टरपंथ के रास्ते पर बढ़ा

तुफैल की विचारधारा को आग देने का काम किया पाकिस्तान के कट्टर इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के मौलाना साद रिजवी ने। उनकी भड़काऊ तकरीरों और यूट्यूब वीडियो ने तुफैल को इस कदर प्रभावित किया कि वह खुद को उनका अनुयायी मानने लगा। कन्नौज और पंजाब की यात्राओं के दौरान तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़े लोगों से मुलाकात ने तुफैल को जासूसी के रास्ते पर धकेल दिया। नफीसा ने उसे बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दों पर भड़काकर भारत की गतिविधियों की जानकारी मंगवाना शुरू किया। तुफैल ने दिल्ली के राजघाट, लाल किला, जामा मस्जिद और वाराणसी के ज्ञानवापी जैसे स्थानों के वीडियो और तस्वीरें नफीसा और उसके पाकिस्तानी सैनिक पति तक पहुंचाईं।

ATS ने कसा शिकंजा, करीबियों से होगी पूछताछ

जैसे ही ATS ने तुफैल को हिरासत में लिया, उसका नेटवर्क ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगा। उसके विदेशी संपर्कों ने उसे वॉट्सऐप ग्रुप्स से हटा दिया और चैट हिस्ट्री डिलीट कर दी। लेकिन ATS पहले ही क्लोन चैट्स सहेज चुकी थी। तुफैल के मोबाइल बैकअप से मिले सबूत अब उसके खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बन गए हैं। ATS को तुफैल के 4-5 करीबियों के नाम भी मिले हैं, जिनसे जल्द पूछताछ होगी।

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