
पहलगाम, 7 मई 2025:
भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐसा बॉर्डर क्षेत्र है, जहां कोई सीमा फेंसिंग नहीं लगी है। यह क्षेत्र जम्मू और कश्मीर के एक बेहद खूबसूरत इलाके में स्थित है, जिसे किशनगंगा नदी द्वारा दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। भारत में इसे किशनगंगा नदी और पाकिस्तान में इसे नीलम नदी के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र में दोनों देशों की सीमाएं बारीकी से मिलती हैं, लेकिन यहां कोई फेंसिंग नहीं है, जिसका कारण नदी का पारस्परिक नियंत्रण है।
किशनगंगा नदी, जो कृशनसर झील से निकलती है, पाकिस्तान और भारत के बीच एक प्राकृतिक सीमा का काम करती है। यह नदी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र से भी बहती है, और भारत द्वारा अपनी सम्प्रभुता का दावा किया जाता है। इस नदी के रास्ते से गुजरते हुए, इसका कुछ हिस्सा भारत के नियंत्रण में आता है, जबकि बाकी हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में रहता है।
किशनगंगा नदी के दोनों किनारों पर कोई सीमा फेंसिंग न होने का कारण यह है कि दोनों देशों के पास इस नदी का एक हिस्सा है, और इस इलाके की सुंदरता एवं प्राकृतिक सीमाओं के कारण यहां फेंसिंग की आवश्यकता नहीं समझी जाती। इस क्षेत्र के लोग बिना किसी डर के सीमा पार करने और प्राकृतिक दृश्य का आनंद लेने आते हैं।
यह इलाका आतंकवादियों के प्रवेश मार्ग के रूप में भी इस्तेमाल होता है, खासकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होते हुए। पिछले कुछ वर्षों में यहां के तनावपूर्ण हालातों ने भारत और पाकिस्तान दोनों के बीच की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है।