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UP BJP की कमान पंकज चौधरी के हाथ! कुर्मी कार्ड से 2027 की बिसात… कुछ देर में हो जाएगा तय

पार्टी के भीतर नाम तय, नामांकन और चुनाव प्रक्रिया को माना जा रहा औपचारिकता, कई बार सांसद रह चुके, PM मोदी व अमित शाह के हैं करीबी, गोरखपुर की राजनीति में योगी के बाद पंकज चौधरी को माना जाता है भाजपा का क्षत्रप

पंकज चौधरी

लखनऊ, 13 दिसंबर 2025:

यूपी भाजपा के अगले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का नाम लगभग तय हो चुका है। औपचारिक ऐलान भले ही बाकी हो लेकिन पार्टी के भीतर इसे तयशुदा माना जा रहा है। नामांकन और चुनाव की प्रक्रिया को महज औपचारिकता के तौर पर देखा जा रहा है। इसी को देखते हुए लखनऊ स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में जश्न का माहौल है। पंकज चौधरी के नामांकन से पहले ही सैकड़ों कार्यकर्ता और कई वरिष्ठ नेता कार्यालय पहुंच चुके।

पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को मेगा इवेंट का रूप दिया है। भाजपा दफ्तर को फूलों से सजाया गया है। पूरी तैयारी उत्सव जैसी दिखाई दे रही है। पंकज चौधरी प्रदेश कार्यालय में नामांकन दाखिल करने के लिए लखनऊ पहुंच रहे हैं। यदि चुनाव की स्थिति बनी तो रविवार को लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में मतदान कराया जाएगा। हालांकि इसकी संभावना बेहद कम मानी जा रही है। माना जा रहा है कि नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का औपचारिक ऐलान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे।

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प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के नाम भी चर्चा में थे लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने अंततः पंकज चौधरी पर भरोसा जताया। श्री चौधरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी नेताओं में गिना जाता है। वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर से आते हैं। महाराजगंज से सात बार सांसद रह चुके हैं। 2021 से वे मोदी कैबिनेट का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी निकटता का अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि 2023 में गोरखपुर दौरे के दौरान पीएम मोदी अचानक उनके घर पहुंच गए थे।

यूपी भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति पहले 15 जनवरी 2025 को होनी थी लेकिन महाराष्ट्र चुनाव, यूपी उपचुनाव और फिर बिहार चुनाव के चलते यह प्रक्रिया टलती चली गई। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक पंचायत और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने ओबीसी के प्रभावशाली कुर्मी समाज से आने वाले पंकज चौधरी पर दांव खेला है। यादव बिरादरी के साथ कुर्मी समाज यूपी की दूसरी सबसे बड़ी आबादी माना जाता है। लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटों का एक हिस्सा PDA के नाम पर सपा की ओर गया था जिसे साधने की कोशिश अब भाजपा कर रही है।

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पार्षद के रूप में राजनीति शुरू करने वाले पंकज चौधरी गोरखपुर के डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं। 1991 में वे पहली बार सांसद बने। उन्हें एक मजबूत संगठनकर्ता और कुशल रणनीतिकार माना जाता है। यूपी भाजपा में इससे पहले विनय कटियार, स्वतंत्र देव सिंह और ओम प्रकाश सिंह कुर्मी बिरादरी से प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। पंकज चौधरी इस सूची में चौथा नाम होंगे। गोरखपुर की राजनीति में योगी आदित्यनाथ और पंकज चौधरी को भाजपा के दो बड़े क्षत्रप माना जाता है। एक के पास सरकार की कमान तो दूसरे के हाथ में संगठन की बागडोर। यही संतुलन भाजपा की आने वाली चुनावी रणनीति का संकेत माना जा रहा है।

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