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UP में कफ सीरप तस्करी रैकेट : लखनऊ की एक और फर्म की अवैध सप्लाई का खुलासा

मेसर्स कान्हा फार्मास्युटिकल्स के संचालक के खिलाफ केस दर्ज, औषधीय जरूरत से अधिक 11,783 शीशियों की सप्लाई करने का आरोप, दूसरे जिलों की फर्मों से खरीद कर सप्लाई की

लखनऊ, 21 दिसंबर 2025:

यूपी में कोडीनयुक्त (नशीले) कफ सीरप की तस्करी को लेकर चल रही जांच के बीच मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। अलग-अलग जिलों में छापेमारी और एफआईआर के बाद अब राजधानी लखनऊ की एक और फर्म का नाम इस तस्करी नेटवर्क में सामने आया है। औषधि विभाग की जांच में मेसर्स कान्हा फार्मास्युटिकल्स को तस्करी की अहम कड़ी बताया गया है। इसके संचालक आरुष सक्सेना के खिलाफ इंदिरानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

औषधि निरीक्षक विवेक कुमार सिंह की तहरीर के अनुसार आरोपी ने साजिश के तहत नियमों को ताक पर रखकर कोडीनयुक्त कफ सिरप की खरीद-फरोख्त की। उसे नशे के उद्देश्य से अलग-अलग शहरों में सप्लाई किया। जांच में सामने आया कि अप्रैल 2024 से अक्तूबर 2024 के बीच मेसर्स कान्हा फार्मास्युटिकल्स ने 11,783 शीशी कोडीनयुक्त कफ सिरप की खरीद की थी। ये खरीद सामान्य औषधीय जरूरत से कहीं अधिक बताई जा रही है।

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यह खुलासा तब हुआ जब औषधि विभाग ने 11 और 12 अक्तूबर को मेसर्स आर्षिक फार्मास्युटिकल्स प्रा. लि. और मेसर्स इधिका लाइफसाइंसेज की जांच की। इसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर रायबरेली के औषधि निरीक्षक शिवेंद्र प्रताप सिंह ने भी पड़ताल की। उन्होंने बताया कि रायबरेली स्थित मेसर्स अजय फार्मा, कल्लू का पुरवा रतापुर से कान्हा फार्मास्युटिकल्स को बड़ी मात्रा में कफ सिरप की सप्लाई की गई थी। इसके अलावा अजय फार्मा द्वारा मेसर्स बायोहब लाइफसाइंसेज, ट्रांसपोर्टनगर से खरीदी गई सिरप की बिक्री भी आरोपी फर्म को किए जाने की पुष्टि हुई है।

जांच के दौरान औषधि प्रशासन ने कई बार आरुष सक्सेना को दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजे लेकिन वह नहीं पहुंचा। पोर्टल पर दर्ज पते पर जब विभागीय टीम पहुंची तो वहां एक जनरल स्टोर संचालित होता मिला। पूछताछ में सामने आया कि दुकान के मालिक मोहम्मद अहसान हैं। वे वर्तमान में दुबई में रहते हैं। बताया गया कि आरुष सक्सेना चार-पांच महीने पहले ही दुकान खाली कर चुका था। मोबाइल नंबर बंद मिलने से आरोपी से संपर्क भी नहीं हो सका। इसके चलते उसके क्रय-विक्रय का सत्यापन नहीं हो पाया।

इस बीच कानपुर नगर के औषधि निरीक्षक ओमपाल सिंह ने भी विभाग को जानकारी दी कि आरोपी ने मेसर्स मेडिसीना हेल्थकेयर, कोपरगंज और मेसर्स अग्रवाल ब्रदर्स, बिरहाना रोड कानपुर से भी बड़ी मात्रा में कफ सिरप खरीदा था। आरोप है कि कम कीमत पर सिरप खरीदकर उसे नशे के लिए ऊंचे दामों पर बेचा जाता था।

उधर, कफ सीरप तस्करी के एक अन्य मामले में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज केस में अब एनडीपीएस एक्ट की धाराएं बढ़ाने की तैयारी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। इस केस में ही एसटीएफ से बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और उसके साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसटीएफ इस तस्करी रैकेट से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।

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