लखनऊ,28 मार्च 2025:
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में बिजली महंगी होने का रास्ता साफ कर दिया है। आयोग ने मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन-2025 जारी कर दिया है, जो 2025-26 से अगले पांच वर्षों तक लागू रहेगा। इस नए रेगुलेशन के तहत पावर कारपोरेशन की बिजली कंपनियों द्वारा दाखिल 1.16 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव पर जल्द ही जनसुनवाई होगी।
मौजूदा बिजली दरों के मुकाबले 13 हजार करोड़ रुपये के घाटे को देखते हुए अनुमान है कि बिजली दरों में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। स्मार्ट मीटर न लग पाने के कारण फिलहाल सभी उपभोक्ताओं के लिए दिन-रात की बिजली दरें एक समान रहेंगी। आयोग को जनसुनवाई के बाद 120 दिनों के भीतर नई दरें घोषित करनी होंगी।
नए रेगुलेशन में भविष्य के निजीकरण का कोई प्रावधान नहीं है, जो उपभोक्ता परिषद की आपत्तियों के बाद हटाया गया। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि नए नियमों से बिजली महंगी होगी और उपभोक्ताओं पर 33,122 करोड़ रुपये के सरप्लस का बोझ पड़ेगा। उन्होंने बताया कि बिजली चोरी से हुई लाइन हानियों का खामियाजा भी अब उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा।
पावर कारपोरेशन ने आयोग को सूचित किया है कि 2027-28 तक सभी उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना संभव नहीं होगा, इसलिए रात-दिन की अलग-अलग दरें लागू करने में देरी होगी। आयोग की घोषणा के बाद राज्य सरकार जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी करेगी।