लखनऊ, 25 दिसंबर 2025:
उत्तर प्रदेश सरकार की पर्यटन नीति 2022 के तहत तीर्थ और धार्मिक स्थलों पर तीर्थयात्रियों के लिए डॉरमेट्री, धर्मशाला और आश्रम बनाने का अच्छा मौका सामने आया है। इस नीति का मकसद भक्तों को कम खर्च में साफ-सुथरी और सुविधाजनक रहने की जगह मुहैया कराना है, साथ ही जिम्मेदार और सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देना है।
नीति के अनुसार तीर्थयात्री डॉरमेट्री ऐसी पब्लिक बजट वाली रहने की व्यवस्था होगी, जहां डॉरमेट्री स्टाइल कमरे, साझा वॉशरूम और जरूरत के मुताबिक हॉल जैसी सुविधाएं होंगी। यह व्यवस्था खासतौर पर धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों पर आने वाले यात्रियों के लिए तैयार की जाएगी।
सरकार ने पूंजी निवेश के आधार पर सब्सिडी का प्रावधान किया है। 10 लाख से 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 25 फीसदी, 50 करोड़ तक 20 फीसदी, 200 करोड़ तक 15 फीसदी और 500 करोड़ या उससे अधिक निवेश पर 10 फीसदी तक की पूंजी सब्सिडी दी जाएगी।
इसके अलावा निवेशकों को स्टाम्प ड्यूटी, भूमि परिवर्तन और विकास शुल्क में 100 फीसदी छूट का फायदा मिलेगा। वहीं 5 करोड़ रुपये तक के लोन पर 5 फीसदी ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये प्रति वर्ष तय की गई है।
नीति में एससी-एसटी और महिला उद्यमियों के लिए अतिरिक्त पूंजी सब्सिडी का भी प्रावधान रखा गया है। सरकार का मानना है कि इस योजना से धार्मिक पर्यटन को मजबूती मिलेगी और तीर्थ स्थलों पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को किफायती और बेहतर ठहराव की सुविधा मिल सकेगी।






