Lucknow City

KGMU में लव जिहाद और धर्मांतरण दबाव को लेकर हंगामा, VHP व बजरंग दल का प्रदर्शन, रखी ये मांग

संगठन के कार्यकर्ताओं ने पीजी की छात्रा के शोषण के मामले में कुलपति कार्यालय के बाहर नारेबाजी की, कार्रवाई न होने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी

लखनऊ, 29 दिसंबर 2025:

यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में कथित ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण के दबाव मामले को लेकर सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कुलपति कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई।

विरोध कर रहे संगठन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि KGMU की एक पीजी छात्रा (रेजिडेंट डॉक्टर) को प्रेमजाल में फंसाकर एक सीनियर रेजीडेंट ने शोषण किया। शादी की बात पर जबरन धर्मांतरण कराने का प्रयास किया। इससे चलते छात्रा ने आत्महत्या की कोशिश की। हालांकि यह मामला फिलहाल जांच के दायरे में हैं। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि एमडी पैथोलॉजी की पढ़ाई कर रही पीड़िता ने 17 दिसंबर को कथित तौर पर दवा की ओवरडोज लेकर जान देने का प्रयास किया और गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हुई थी। दो दिन बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

इस मामले में पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि उसी विभाग के छात्र डॉ. रमीज ने उसे कथित रूप से ‘प्रलोभन और दबाव’ में लिया तथा उससे इस्लाम धर्म अपनाकर शादी करने की बात कही। परिजनों का यह भी कहना है कि डॉ. रमीज पहले से शादीशुदा है। इस वर्ष फरवरी में उन्होंने एक अन्य हिंदू लड़की से कथित तौर पर धर्मांतरण के बाद विवाह किया था। इन आरोपों पर अभी किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा पुष्टि होना शेष है।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद भी सैयद अख्तर अब्बास नामक व्यक्ति को KGMU प्रशासन में जिम्मेदारी दी गई, जबकि उन पर पहले से कई आरोप लंबित होने का दावा किया जा रहा है। इन आरोपों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें कुलपति के ओएसडी पद से हटाने और किसी स्वतंत्र सरकारी एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।

प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित जांच कमेटी पर सवाल उठाए और कहा कि इतने गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच विश्वविद्यालय स्तर पर संभव नहीं। उन्होंने जांच STF या किसी स्वतंत्र उच्चस्तरीय संस्था से कराने का आग्रह किया। ज्ञापन में कुछ डॉक्टरों और प्रोफेसरों पर महिला उत्पीड़न संबंधी आरोपों की भी बात कही गई, जिनकी जांच महिला आयोग, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अफसर और न्यायिक अधिकारियों वाली समिति से कराने की मांग की गई।

प्रदर्शन के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने कुलपति से मुलाकात कर छह सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन सौंपा। संगठन मंत्री समरेंद्र सिंह के अनुसार कुलपति ने कुछ मांगों पर सहमति जताई तथा अन्य पर शासन को पत्र भेजने का आश्वासन दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि उचित कार्रवाई न होने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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