देहरादून, 9 दिसंबर 2025:
उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित उत्तराखंड क्रिएटर्स मीट-2025 युवाओं, डिजिटल नवाचार और संवाद की एक जीवंत मिसाल बनी। कार्यक्रम में देश-विदेश के लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से जुड़े कंटेंट क्रिएटर्स, ब्लॉगर्स, डिजिटल उद्यमी और युवा इंफ्लुएंसर्स ने भाग लिया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने क्रिएटर्स से अनौपचारिक बातचीत में उनके विचार, चुनौतियों और सुझावों को ध्यान से सुना।
मुख्यमंत्री ने युवा कंटेंट क्रिएटर्स के साथ हुई इस बातचीत को युवा सोच और डिजिटल ऊर्जा का अद्भुत संगम बताया। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में कंटेंट क्रिएटर्स न केवल मनोरंजन और जानकारी का माध्यम हैं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की एक महत्वपूर्ण शक्ति भी बन चुके हैं।
कार्यक्रम में एक युवा इंफ्लुएंसर ने पीएम नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत–श्रेष्ठ भारत @2047’ दृष्टिकोण में उत्तराखंड की भूमिका पर सवाल पूछा। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत की मजबूत नींव तभी तैयार होगी जब देश के प्रत्येक राज्य के गांव, ब्लॉक, तहसील और जिले बराबर रूप से सशक्त बनें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इसी दिशा में तेजी से काम कर रही है। बुनियादी ढांचे के उन्नयन, पर्यटन विकास, महिला सशक्तीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और उद्यमिता को प्रोत्साहन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है।

एक अन्य क्रिएटर ने भ्रष्टाचार पर प्रश्न किया तो मुख्यमंत्री धामी ने दो टूक कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। उन्होंने बताया कि अब तक 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। उनका कहना था कि पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही इन्हीं तीन स्तंभों पर उत्तराखंड सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था आगे बढ़ रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई पूरी दृढ़ता के साथ जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने राज्य की समग्र प्रगति का जिक्र करते हुए बताया कि उत्तराखंड की GSDP को दोगुना करने का लक्ष्य पूरा हो चुका है। पर्वतीय क्षेत्रों में हेली कनेक्टिविटी का विस्तार तेजी से हुआ है, जिससे यात्रा सुगम और सुरक्षित बनी है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और विभिन्न रोड शो के जरिए राज्य में निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। अब तक 3.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू साइन हो चुके हैं और 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का कार्य जमीन पर उतर चुका है।
महिला सशक्तीकरण पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की मातृशक्ति ने स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्प, स्थानीय उत्पादों और पारंपरिक कौशल के जरिए देशभर में मिसाल पेश की है। उन्होंने यह भी कहा कि कई स्थानीय महिला उत्पाद गुणवत्ता और शुद्धता में बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों तक को चुनौती दे रहे हैं। सरकार महिलाओं की उद्यमशीलता को और मजबूती देने के लिए नई योजनाओं पर लगातार कार्य कर रही है।






