देहरादून, 8 सितंबर,2024
उत्तराखंड सरकार के एक बड़े फैसले के तहत अब प्रदेश के सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की सुबह-शाम लगने वाली शाखा में शामिल हो सकते हैं।
यही नहीं, इसके अलावा कर्मचारी आरएसएस की सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की तरफ से धामी सरकार का यह आदेश जारी किया गया है।
इस आदेश के समर्थन में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि सरकार के इस आदेश से राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बात को लेकर जब भी नोटिस और मुकदमेबाजी हुई तो सभी मुकदमों में कार्यकर्ताओं की ही जीत हुई।
RSS देशभक्ति और अनुशासन की देती है शिक्षा
राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने आगे कहा कि मुकदमों में कार्यकर्ता की इसलिए जीत हुई, क्योंकि RSS राजनीतिक संगठन के बजाय सामाजिक संगठन है। जिसके द्वारा देशभक्ति, राष्ट्रभक्ति और अनुशासन की शिक्षा देता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कांग्रेस के द्वारा कार्यकर्ताओं पर लगाए गए आदेश को हटाकर राज्य सरकार ने सकारात्मक कदम उठाया है।
कांग्रेस ने सरकार के निर्णय की निंदा की
वहीं दूसरी ओर सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने शर्मनाक बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने कहा कि नियमावली के मुताबिक सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते हैं। वहीं RSS खुद को सामाजिक संगठन कहता है तो लेकिन राजनीति में वह अंदर तक घुसा हुआ है। उन्होंने कहा कि धामी सरकार का निर्णय खतरनाक हैं, क्योंकि अब सरकारी कर्मचारी RSS के कार्यक्रम में शामिल होने के कारण अपनी सीट पर बैठे हुए नहीं मिलेंगे।