
देहरादून, 19 जुलाई 2025:
उत्तराखंड में अल्पसंख्यक स्कूलों व मदरसों ने छात्रवृत्ति हड़पने के लिए की गई जालसाजी मामले में
सीएम द्वारा जांच के आदेश देने के बाद मदरसा बोर्ड भी आगे आया है। अब उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती समून क़ासमी ने साफ कहा है कि यदि किसी भी मदरसे की संलिप्तता इस घोटाले में पाई जाती है, तो उसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाएगी।
बता दें कि उत्तराखंड राज्य में मदरसों व अल्पसंख्यक विद्यालयों ने केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति हड़पने के लिए अफसरों की आंखों में धूल झोंक दी। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर संस्था और उनके संचालक के साथ छात्रों की संख्या भी संदिग्ध लगी। दरअसल कई मदरसों ने खुद को सरस्वती शिशु मंदिर दर्शाकर बच्चों को मिलने वाली स्कालरशिप हजम कर ली। फिलहाल सीएम धामी ने मामला सामने आने के बाद सख्त रुख अपनाया और विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण डॉ. पराग मधुकर धकाते को जांच के निर्देश दिए। विशेष सचिव ने इसकी जांच जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ऊधमसिंह नगर नंदिनी सिंह को सौंपी है। इस मामले की रिपोर्ट दो सप्ताह में मांगी गई है।
इसी मामले को लेकर मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती समून क़ासमी ने कहा है कि हम किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि जांच में यह साबित होता है कि किसी मदरसे ने छात्रवृत्ति घोटाले में भागीदारी की है, तो उसकी मान्यता तत्काल रद्द कर दी जाएगी और आगे की कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। फिलहाल मामले की जांच जारी है और सरकार इस पूरे घोटाले को एक मिसाल के रूप में सुलझाने की तैयारी में है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता रोकी जा सके।