
अंशुल मौर्य
वाराणसी,9 जुलाई 2025:
वाराणसी के छितौना गांव में मामूली विवाद अब सियासी आग में बदल गया है। 5 जुलाई को शुरू हुई यह घटना अब हत्या की साजिश और ज़मीन कब्जाने के आरोपों के साथ राज्य की राजनीति में उबाल ला रही है। विवाद की शुरुआत गाय के खेत में घुसने को लेकर दो पक्षों के बीच हुई झड़प से हुई, जो जल्द ही हिंसक रूप ले बैठी। आरोप है कि तलवारों से लैस हमलावरों ने संजय सिंह और अनुराग सिंह पर जानलेवा हमला किया और पुलिस की मौजूदगी में ही उन्हें पीटते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पीछा कर हमला दोहराया गया।
पीड़ित दिग्पाल सिंह ने इस हमले को सुनियोजित साजिश बताते हुए सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। लेकिन एफआईआर दर्ज न होने से नाराज करणी सेना, क्षत्रिय महासभा और भाजपा नेता सड़कों पर उतर आए। करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह ने आरोप लगाया कि मंत्री अनिल राजभर के दबाव में पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की। इसके विरोध में चौबेपुर थाने पर तीन घंटे तक नारेबाजी हुई, जिसके बाद दूसरी एफआईआर दर्ज की गई।
अब मामला सिर्फ ज़मीन विवाद नहीं रह गया, बल्कि मंत्री के खिलाफ खुले विरोध और सियासी दबाव से सरकार असहज स्थिति में है। यह देखना होगा कि क्या इस मामले में निष्पक्ष न्याय हो पाएगा।






