अंशुल मौर्य
वाराणसी, 7 सितंबर 2025:
यूपी के वाराणसी जिले में बाबा लाट भैरव की पारंपरिक बारात, जो आमतौर पर रात में निकलती है, इस बार सुबह 7 बजे इन्नामाई की गलियों से शुरू हुई। चंद्रग्रहण के प्रभाव के चलते इस बारात का दोपहर 11:30 बजे सूतक काल शुरू होने से पहले लाट भैरव मंदिर पहुंचकर समापन हुआ।
इतिहास में यह तीसरा मौका है जब बाबा की बारात दिन के उजाले में निकली—दो बार चंद्रग्रहण और एक बार कोविड काल के कारण। रविवार की सुबह की ताजगी में डीजे की धुनों पर बाबा लाट भैरव के भक्त और गण नाचते-गाते चल रहे थे। बारात का नेतृत्व कर रहे थे क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, जिनके साथ सैकड़ों भक्तों का हुजूम था। यह बारात इन्नामाई की गलियों से होते हुए कालभैरव, दूध सट्टी, भगवती टॉकीज, कतुआपुरा, बलुआबीर, और हनुमान फाटक के रास्ते बाबा लाट भैरव मंदिर पहुंची।
बारात ने जैसे ही मंदिर के प्रांगण में प्रवेश किया, घंटे-घड़ियाल की गूंज ने पूरे क्षेत्र को भक्ति के रंग में सराबोर कर दिया। लाट भैरव समिति के अध्यक्ष रोहित जायसवाल ने बताया कि रविवार रात 9:27 बजे शुरू होने वाले चंद्रग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो जाएगा। इस कारण शहर के सभी मंदिरों में पूजा-पाठ का दौर सुबह से ही शुरू हो गया।
अधिकांश मंदिर दोपहर 2 बजे के बाद बंद हो जाएंगे, वहीं विश्वनाथ मंदिर रात 7:30 बजे बंद होगा और सोमवार को मंगला आरती के साथ खुलेगा। इसी वजह से बाबा लाट भैरव की बारात को दिन में निकालने का निर्णय लिया गया। बाबा लाट भैरव की बारात में शामिल भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। डीजे की थिरकती धुनों पर नाचते हुए, भक्तों ने गलियों को भक्ति और उल्लास से भर दिया।