अंशुल मौर्य
वाराणसी, 18 मई 2025:
यूपी के वाराणसी जिले में कुछ किन्नरों के नेग के नाम पर उत्पात और गुंडागर्दी ने शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पुलिस ने इस समस्या से निपटने के लिए कड़ा कदम उठाया है। शहर भर में “परेशान हों तो डायल करें 112′ के पोस्टर लगाकर मदद की पहल की है।
सड़क पर नकली किन्नरों में हुई थी वर्चस्व की लड़ाई
वाराणसी में सर्जरी के जरिए पुरुष से किन्नर बनने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ये लोग न सिर्फ नेग के लिए लोगों को परेशान कर रहे हैं, बल्कि इलाकों के बंटवारे और वर्चस्व की लड़ाई में सड़कों पर मारपीट तक उतर आए हैं। हाल ही में 10 मई को पांडेयपुर में दो किन्नर गुटों के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी, जहां सड़क पर कपड़े फाड़ने तक की नौबत आ गई। दोनों पक्षों ने थाने में एक-दूसरे के खिलाफ केस भी दर्ज कराया।
परंपरा को ठेस पहुंचाने का हुआ था विरोध
बता दें कि पिछले साल दिसंबर 2024 में किन्नर समुदाय ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर नकली किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई थी। उनका कहना था कि ऐसे लोग उनकी परंपरा और सम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं।
पुलिस ने पोस्टर्स में सर्जरी के जरिये किन्नर बने लोगों की तस्वीरें नाम साझा किए
वाराणसी के प्रमुख इलाकों में ये पोस्टर यूपी सरकार और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चस्पा किए गए हैं। इनमें चार ऐसे लोगों की तस्वीरें और जानकारी दी गई है, जो सर्जरी के जरिए पुरुष से किन्नर बने हैं। इनमें जोगेंद्र उर्फ बेबी, संजय उर्फ संजना, सोनू उर्फ संजू, और बनारसी खरवार शामिल हैं। पोस्टर में साफ तौर पर लिखा है कि ये लोग नेग के नाम पर लोगों को परेशान कर रहे हैं।
पुलिस ने तय की नेग की रकम
आम लोगों से अपील की गई है कि शादी के मौके पर किन्नरों को अधिकतम 1100 रुपये और बच्चे के जन्म पर 500 रुपये ही नेग के रूप में दें। अगर कोई किन्नर ज्यादा पैसे मांगता है, गाली-गलौज करता है, या अश्लील हरकतें करता है, तो बिना देर किए 112 पर कॉल करें। पुलिस तुरंत कार्रवाई करेगी।