
अंशुल मौर्य
वाराणसी,10 जुलाई 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, जो दुनियाभर में योग और स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में पहचाना जाता है, अब अपने ही आंगन में विरोधाभास का शिकार है। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) प्रशासन ने टैगोर पार्क में आम नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाते हुए एक सख्त आदेश जारी किया है, जिसमें लिखा है कि अब केवल रेलकर्मी ही इस पार्क में प्रवेश कर सकते हैं। पार्क में आने वाले अन्य लोगों को चेतावनी दी गई है कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश ने शहर के लोगों, खासकर सुबह की सैर करने वालों में भारी नाराजगी पैदा कर दी है।
गुस्से में जनता, आंदोलन की चेतावनी
बुधवार सुबह जैसे ही लोगों की नजर पार्क के बाहर चस्पा नोटिस पर पड़ी, आक्रोश की लहर दौड़ गई। पूर्व पार्षद शंकर विशनानी ने इसे “हिटलरशाही फरमान” करार देते हुए कहा कि जब शहर में पहले से ही सार्वजनिक पार्कों की भारी कमी है, तब इस तरह का फैसला नागरिकों के स्वास्थ्य और अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो जनांदोलन छेड़ा जाएगा। उनके साथ सैकड़ों स्थानीय लोग विरोध में शामिल हुए।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि बरेका प्रशासन अपने फैसले पर कायम रहता है या जनता के दबाव में पीछे हटता है।