
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 22 मार्च 2025:
यूपी के बाहुबली पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह से पेंट कंपनी की डीलरशिप दिलाने के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी करने वाले तीन शातिर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए अपराधियों में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर और उसके दो साथी शामिल हैं, जो फर्जी वेबसाइट्स बनाकर ठगी को अंजाम देते थे।

एशियन पेंट्स की डीलरशिप के नाम की ठगी
वाराणसी के सिद्धिगिरी बाग क्षेत्र में सिद्धार्थ सिंह कई कंपनियों की एजेंसियों के मालिक हैं। सिद्धार्थ ने दिसंबर 2024 में इंटरनेट पर एशियन पेंट्स की डीलरशिप का विज्ञापन देखा। उन्होंने उत्सुकता से ऑनलाइन आवेदन किया, जिसके 24 घंटे के भीतर उनके पास एक कॉल आई। डीलरशिप के बहाने उनसे अलग-अलग खातों में करीब 12 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए। ठगों ने भरोसा जीतने के लिए फर्जी दस्तावेज और ईमेल भेजे, लेकिन जब डीलरशिप नहीं मिली और पैसे वापस मांगे गए, तो ठगों ने फोन बंद कर दिया।
ऐसे हुआ सच्चाई का खुलासा
सिद्धार्थ ने अपने एक कर्मचारी को एशियन पेंट्स के दिल्ली ऑफिस भेजा, जहां पता चला कि कंपनी ने ऐसा कोई विज्ञापन जारी नहीं किया था। यह एक सुनियोजित ठगी का जाल था। इसके बाद सिद्धार्थ ने वाराणसी के सिगरा थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
साइबर क्राइम टीम ने जांच शुरू की और पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर एक विशेष टीम बिहार भेजी गई। पटना, बिहारशरीफ और नालंदा में छापेमारी के बाद तीन आरोपियों विश्वास कुमार (सॉफ्टवेयर डेवलपर), उसका भाई अभिनय कुमार और सोहन कुमार को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से मोबाइल, लैपटॉप और नकदी भी बरामद हुई।
गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाला खुलासा
पूछताछ में विश्वास कुमार ने स्वीकार किया कि उन्होंने फर्जी वेबसाइट बनाकर एशियन पेंट्स की डीलरशिप का विज्ञापन दिया था। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें बृजेश सिंह का नाम तो पता था, लेकिन यह नहीं मालूम था कि उनका शिकार सिद्धार्थ सिंह होंगे। विश्वास ने कई बड़ी कंपनियों की नकली वेबसाइट्स बनाई थीं और ठगी के लिए इन्हें साइबर अपराधियों को बेचता था।
साइबर क्राइम इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह के मुताबिक विश्वास कुमार को वेबसाइट और ऐप्स बनाने में महारत हासिल है। उसने अपने कौशल का इस्तेमाल अपराध के लिए किया। पुलिस ने विश्वास के लैपटॉप से कई फर्जी साइट्स और एंड्रॉयड ऐप्स बरामद किए हैं, जिससे और भी मामलों का खुलासा होने की संभावना है।