लखनऊ , 11 अक्टूबर 2024:
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी में जयप्रकाश नारायण की जयंती पर माल्यार्पण की अनुमति न मिलने के बाद, शुक्रवार को विक्रमादित्य मार्ग पर भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता उनके आवास के बाहर एकत्र हुए। सुबह करीब साढ़े 10 बजे सैकड़ों की संख्या में लाल टोपी पहने सपा कार्यकर्ता नारे लगाते हुए वहां पहुंचे।
सड़क पर अखिलेश यादव ने एक वाहन पर रखी जयप्रकाश नारायण की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके साथ सपा के प्रमुख नेता लाल बिहारी यादव, राजेंद्र चौधरी, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, राम गोविंद चौधरी सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया : माल्यार्पण के बाद अखिलेश यादव ने कहा, “हर साल हम जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर जेपीएनआईसी संग्रहालय जाते हैं, लेकिन यह सरकार हमें वहां जाने से रोकने की कोशिश कर रही है।
भाजपा द्वारा यह नाकाबंदी पहली बार नहीं की जा रही है। उन्होंने सभी अच्छे कामों को रोक दिया है। आज हमें सड़क पर खड़े होकर ‘जन-नायक’ को याद करना पड़ा, लेकिन हम अपनी श्रद्धांजलि सड़क पर भी दे सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह सरकार हमें स्मारक में जाने से रोकना चाहती है, लेकिन हमने यहीं सड़क पर माल्यार्पण कर दिया। यहां सड़क पर ही स्मारक है।”
अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेपीएनआईसी के स्मारक को “बेचने की साजिश” के चलते ढक दिया गया है।
सपा कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया: सपा कार्यकर्ता लगातार सरकार के इस कदम के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। पार्टी के नेताओं ने इसे लोकतंत्र और स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हुए प्रशासन की आलोचना की।
स्थिति अब भी तनावपूर्ण: सपा प्रमुख के जेपीएनआईसी दौरे को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस दौरान विक्रमादित्य मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात है, और रूट डायवर्जन भी किया गया है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने 8 अक्टूबर को पुलिस से जेपीएनआईसी में माल्यार्पण की अनुमति मांगी थी, जो उन्हें नहीं मिली। इसके बाद से यह मुद्दा राजनीतिक गर्मी का कारण बन गया है। शुक्रवार को अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि वे सुबह साढ़े 10 बजे जेपीएनआईसी जाएंगे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
लखनऊ विकास प्राधिकरण का बयान: इस बीच, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि जेपीएनआईसी अभी निर्माणाधीन है और वहां सुरक्षा कारणों से अखिलेश यादव का माल्यार्पण करना उचित नहीं है।
पत्र में लिखा गया है, “जेपीएनआईसी एक निर्माण स्थल है, जहां निर्माण सामग्री बेतरतीब फैली हुई है और बारिश के कारण कीड़ों के पनपने की आशंका है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, और उनके लिए इस समय माल्यार्पण करना सुरक्षित नहीं है।”
पिछले साल का विवाद : यह पहली बार नहीं है जब जेपीएनआईसी को लेकर विवाद हुआ है। पिछली बार भी जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर माल्यार्पण को लेकर हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ था, जब अखिलेश यादव 8 फीट ऊंची दीवार फांदकर माल्यार्पण करने पहुंचे थे। इस बार प्रशासन पहले से ही सतर्क है और सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक से बचने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं।